सर्दी-खांसी जैसे लक्षणों में न बरतें लापरवाही, नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी

नई दिल्ली, PDT देश में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है ऐसे में स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना और भी जरूरी हो जाता है। यह चिंताजनक है कि लॉकडाउन के बावजूद अब लोग उतनी गंभीरता से इसका पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं। सर्दी-खांसी जैसे लक्षणों को सामान्य बात समझकर उन्हें नजरअंदाज कर देना भी इसी लापरवाही का एक प्रमाण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित 6 में से 1 व्यक्ति में ही गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, इसलिए मामूली लक्षणों को भी गंभीरता से लें, उनके गंभीर होने का इंतजार न करें।


सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें। लक्षण दिखें तो इन्हें छिपाएं नहीं, समय पर उपचार ही आपकी और आपके अपनों की जान बचा सकता है। यह संक्रमण काफी तेजी से फैलता है, इसीलिए केंद्र और राज्य सरकारें सभी जरूरी कदम उठा रही हैं ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। जानें क्‍या कहते है गाजियाबाद के एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. रमन कुमार।



सामान्य लक्षण



  • सर्दी-जुकाम

  • सूखी खांसी

  • नाक बहना

  • गले में खराश

  • लगातार थकान होना


गंभीर लक्षण



  • तेज बुखार

  • सांस लेने में परेशानी


सतर्कता है सही : विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कोरोना संक्रमण की वैश्विक मृत्युदर 5-6 प्रतिशत ही है। ऐसे में अगर सामान्य लक्षण दिखाई दें तो पहले से ही सतर्क हो जाएं। 2-3 दिन तक घर पर ही एक कमरे में आराम करें, संतुलित और पोषक भोजन लें, गरम पानी पिएं और अन्य सदस्यों से दूर रहें। अगर लक्षणों में सुधार आने की जगह यह गंभीर हो जाएं तो तुरंत जांच कराएं।


शारीरिक दूरी है सबसे जरूरी : अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, अभी तक कोरोना संक्रमण के केवल मानव से मानव में फैलने के ही प्रमाण मिले हैं। जिन्हें मामूली लक्षण हैं या कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं, वो भी संक्रमण फैला सकते हैं, इसलिए जरूरी है कि किसी भी सार्वजनिक स्थान


ताकि नियंत्रित हो संक्रमण : इस बात का भी ध्यान रखें कि परिवार का जो भी सदस्य घर से बाहर जाए, वह घर आकर पहले खुद को सेनिटाइज करे, फिर बच्चों और बुजुर्गों के करीब आए। अगर घर में कोई सर्दी-खांसी और गले की खराश से पीड़ित है तो इस बात की पूरी सावधानी रखी जाए कि परिवार के अन्य सदस्यों में यह न फैले। परिवार के हर सदस्य के लिए अलग तौलिया रखें। बुजुर्गों को चाहिए कि वो घर से बिल्कुल बाहर न निकलें। अगर डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी हो तो वीडियो कॉल कर लें। बुजुर्गों को संक्रमण से बचने के लिए युवाओं से दुगनी सावधानी रखनी जरूरी है। यूं भी शारीरिक दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है, ताकि संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।


बरतें अतिरिक्त सावधानी : दी लेंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ती उम्र और बीमारियां न केवल कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बढ़ा देती हैं बल्कि इसके कारण जान जाने की आशंका भी काफी बढ़ जाती है। पहले से बीमार लोगों में संक्रमण का खतरा इसलिए अधिक होता है क्योंकि जब आपका शरीर किसी बीमारी से जूझ रहा होता है तब वो कमजोर हो जाता है और इम्यून तंत्र बाहरी आक्रमणों से लड़ नहीं पाता है। ऐसे में अतिरिक्त सावधानी रखना जरूरी हो जाता है।


नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी : अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, जो लोग पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हों वो स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें, खान-पान का ध्यान रखें। दवाइयां समय पर लें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि गंदगी के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कोई भी स्वास्थ्य समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से वीडियो या फोन कंसल्ट करें। पूरे विश्व में इस संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों में सबसे अधिक संख्या उन लोगों की है, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक थी और जो पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित थे। जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है और जिन्हें पहले से ही कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, वो मामूली लक्षण नजर आने पर भी तुरंत जांच कराएं, क्योंकि ये मामूली लक्षण भी गंभीर होकर जानलेवा हो सकते हैं।