गुरुग्राम के छात्र ने ऐसा लिया मानवाधिकार आयोग का टेस्ट, मुश्किल में फंस गए मां-बाप

 बच्चे ने मां-बार को परेशानी में डाला। सांकेतिक फोटो


बच्चे कई बार ऐसी शरारत कर बैठते हैं जो मां-बाप को परेशानी में डाल देती हैं। दरअसल एक बच्चे ने मानवाधिकार आयोग की परीक्षा के लिए मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर दी। टीम आई तो कहा कि वह तो टेस्ट ले रहा था।

चंडीगढ़ । गुरुग्राम के प्रतिष्ठित निजी स्कूल में पढ़ने वाले दसवीं के एक छात्र ने पाठ्य पुस्तक में मानवाधिकार आयोग के बारे में कुछ ऐसा पढ़ा कि अपने मां-बाप की ही शिकायत कर डाली। छात्र की इस बाल सुलभ हरकत पर पुलिस ने माथा पीट लिया, जब पता चला कि उसने सिर्फ मानवाधिकार आयोग के बारे में पढ़ी बात की पुष्टि के लिए अभिभावकों को मुश्किल में डाल दिया है।

दरअसल, गुरुग्राम के सेक्टर-84 स्थित डीपीएस स्कूल के 15 वर्षीय छात्र ने पुस्तक में पढ़ा था कि मानवाधिकार आयोग किसी भी तरह के शोषण के मामले में त्वरित एक्शन लेता है। यदि आपके अधिकारों का हनन हो रहा हो तो आप मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटा सकते हैं।यह पढ़कर छात्र ने इसकी सत्यता जांचने के लिए अपने माता-पिता के खिलाफ एक शिकायत बनाकर आनलाइन डाल दी। अंग्रेजी में दी शिकायत में उसने अपने माता-पिता पर शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया। उसने लिखा कि मुझे बचाया जाए। मेेरी मां मुझे जान से मारने की धमकी देती है। मैं आत्महत्या नहीं करना चाहता, क्योंकि यह कानून के खिलाफ है। मुझे बचाया जाए। मुझे मदद की जरूरत है।

मामला संज्ञान में आने पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर को जांच सौंप दी। हरकत में आई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उक्त छात्र तथा उसके माता-पिता को जांच के लिए बुलाया तो जो कहानी सामने आई, उससे हर कोई दंग रह गया।