नवजोत सिद्धू ने कांग्रेस हाईकमान का छुड़ाया पसीना, कैप्टन की टी पार्टी से बीच में ही गए, प्रियंका के कहने पर लौटे

 


कैप्टन अमरिंदर सिंह की टी पार्टी के दौरान साथ बैठे नवजोत सिंह सिद्धू।
नवजोत सिंह सिद्धू की पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी से पहले कैप्टन ने टी पार्टी रखी थी लेकिन सिद्धू कैप्टन को नमस्कार कर टी पार्टी से चले गए। सिद्धू को मनाने के लिए हाईकमान को हस्तक्षेप करना पड़ा तब जाकर वह लौटे।

 चंडीगढ़। नाश्ते की टेबल पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ फोटो में बैठे नजर आ रहे नवजोत सिंह सिद्धू को देखकर यह दिखाने का प्रयास जरूर किया गया कि दोनों के बीच मतभेद खत्म हो गए हैं, लेकिन इस मेज तक सिद्धू को लाने में एक बार फिर से हाईकमान के पसीने छूट गए। कांग्रेस भवन में पदभार ग्रहण करने के मौके पर भी जहां मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार पर लगे आरोपों का बचाव किया, वहीं सिद्धू का हमलावर रुख ऐसा था जैसा वह अपनी पार्टी पर नहीं बल्कि विपक्षी पार्टी पर बरस रहे हों।

साफ था कि चाय का कप रिश्तों के बीच जमी बर्फ को पिघला नहीं सका। कांग्रेस की नई टीम के पदभार ग्रहण करने से पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा पंजाब भवन में रखी चाय पार्टी में सिद्धू, कैप्टन से पहले ही पहुंच गए थे, लेकिन जैसे ही 10.22 बजे पंजाब भवन पहुंचे उसके ठीक 13 मिनट बाद सिद्धू कार में बैठकर वापस चले गए, जबकि अभी तो चाय पार्टी शुरू भी नहीं हुई थी। इस बात ने सभी को हैरत में डाल दिया, लेकिन दस मिनट बाद ही वह लौट आए और कुछ ही देर में बाद उनकी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की मेज पर बैठने की फोटो रिलीज होने लगीं, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि पार्टी एकजुट है।

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टी पार्टी में बैठे सिद्धू, कैप्टन व हरीश रावत। 

क्या अंदर सचमुच ऐसा था, जैसा दिखाया गया। ऐसा बिल्कुल नहीं था। मुख्यमंत्री जैसे ही पंजाब भवन पहुंचे तो नवजोत सिद्धू उन्हें सिर्फ नमस्कार कहकर लौट गए। वह विधायकों के साथ बात करने लगे और वापस लौट गए। जब मुख्यमंत्री ने उनके बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया कि सिद्धू वापस चले गए हैं। कैप्टन अमरिंदर के सहयोगियों ने इस बारे में पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से पूछा तो उन्होंने बताया कि सिद्धू नीचे समारोह में हैं, लेकिन जब उन्हें पता चला कि सिद्धू लौट गए हैं तो रावत खासे नाराज दिखे।हरीश रावत ने तुरंत नवजोत सिद्धू को फोन किया और लौटने को कहा। पता चला कि सिद्धू ने इस बारे में ना नुकर की। हरीश रावत ने तुरंत प्रियंका गांधी को सारी बात बताई और उनसे कहा कि वह सिद्धू से बात करें। सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी के कहने पर ही सिद्धू दस मिनट बाद फिर से लौट आए। सिद्धू के चेहरे पर बनावटी हंसी स्पष्ट नजर आ रही थी। लौटते ही उन्होंने कैप्टन को नमस्कार कहा और कहा कि उनके आने की उन्हें खुशी है।

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सिद्धू के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में बैठे कैप्टन, सिद्धू व जाखड़। 

कैप्टन ने उनके दिखाई न देने के बारे में पूछा तो सिद्धू ने कहा कि वह अरदास करने गए थे। वह कैप्टन के ठीक सामने वाली कुर्सी पर बैठने ही वाले थे कि खेल मंत्री राणा सोढी ने उन्हें कैप्टन के साथ वाली कुर्सी पर बैठने को कहा। वह तुरंत ही कैप्टन के साथ वाली कुर्सी पर लौट आए। मुख्यमंत्री ने उनसे समारोह के समय के बारे में जानकारी हासिल की। कुछ ही देर में नाश्ता करके सभी यहां से कांग्रेस भवन की ओर लौट गए।

सिद्धू यहां भी अपनी नाराजगी दिखाने से रुके नहीं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तो अपनी सरकार पर लग रहे आरोपों का बचाव करते नजर आए, लेकिन नवजोत सिद्धू अपनी ही सरकार की धज्जियां उड़ाते नजर आए। उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को अभी तक सजा न दिलाए जाने का मुद्दा उठाया। नौकरियों के लिए प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों और एनपीए कम करने का विरोध करने वाले डॉक्टरों की हड़ताल का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल उठाया ड्रग्स बेचने वाले मगरमच्छ अभी तक नहीं क्यों नहीं पकड़े गए। सिद्धू के इस तरह के अपनी ही सरकार पर आक्रामक हमले से कांग्रेसी नेता भी हैरान हैं।