आगामी सत्र नवंबर में होगा। बीते मानसून सत्र में दोनों सदन में काम काज ठप ही रहा केवल कुछ ही विधेयक को पारित किया गया। इस क्रम में JDS के अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा ने वरिष्ठ सांसदों को साथ आने की बात पर जोर दिया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही शुरुआत से ही हंगामेदार रही और इस दौरान काम-काज भी सुचारु तरीके से नहीं हो सका। इसे देखते हुए गुरुवार को कर्नाटक के पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्युलर (JDS) के अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) ने दोनों दल के नेताओं को साथ आने की बात कही है। देवगौड़ा ने कहा, 'मैं किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहता, लेकिन संसद में कार्यवाही आवश्यक है। नंवबर में आगामी संसदीय सत्र के काम-काज के संचालन के लिए दोनों पक्षों के सीनियर नेताओं को एकसाथ आना जरूरी है।' 19 जुलाई से शुरू होकर मानसून सत्र 11 अगस्त को खत्म हो गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्र की समाप्ति के बाद बुधवार को कहा कि सदन में उम्मीद के मुताबिक काम नहीं हुआ। कम काम होने से दुखी हूं। सांसदों को उच्च मर्यादा बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन सबकी सहमति से चलता है। सहयोग करने वाला रवैया अच्छा होता है। सदन चलाने के लिए सभी दलों से बातचीत की जाएगी।
इस सत्र में विपक्ष के हंगामे के बावजूद राज्यसभा में पारित किए गए विधेयकों की संख्या 2014 के बाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक रही। इससे पहले 2020 में जब देश कोविड-19 की चपेट में था तब राज्यसभा ने मानसून सत्र में हर दिन 2.5 विधेयक पारित किए। ये आंकड़े 2014 के बाद सबसे अधिक थे। राज्यसभा में कुल 19 विधेयक पारित किए गए। 17 दिनों की राज्यसभा की बैठक में 74 घंटे और 26 मिनट का समय विरोध प्रदर्शन के कारण बर्बाद हो गए। 17 दिनों की बैठक में राज्यसभा में 1.1 विधेयक हर रोज पारित हुए।पेगासस जासूसी प्रकरण, कृषि कानूनों, पेट्रोल व डीजल की बढ़ी कीमतों के मुद्दों को लेकर दोनों सदनों में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। निर्धारित समय से पहले ही बुधवार को राज्यसभा व लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।