पंचायत चुनाव में मिलेगा ओबीसी आरक्षण? शिवराज सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

 

पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई आज

मध्य प्रदेश में पंचायत और नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। शिवराज सरकार की संशोधन याचिका पर आज ये सुनवाई होनी है। कोर्ट ने 10 मई को अपना फैसला दिया था।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण मिलेगा या नहीं, इसको लेकर आज फैसला हो जाएगा। दरअसल, निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर एमपी सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका पर आज सुनवाई होगी। इसके बाद साफ हो जाएगा कि चुनाव का स्वरूप क्या रहेगा। एमपी में 2022 के परिसीमन से चुनाव कराए जाएंगे या फिर 2019 का परिसीमन प्रभावी होगा।

एमपी सरकार ने दाखिल की थी संशोधन अर्जी

गौरतलब है कि एमपी सरकार ने 10 मई को अदालत के फैसले के बाद संशोधन अर्जी दाखिल की है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कई राज्यों खासतौर से मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बिना निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में राज्य चुनाव आयोग को दो हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करने को कहा था। कोर्ट ने ये भी कहा कि ओबीसी आरक्षण की शर्तों को पूरा किए बगैर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। कोर्ट के फैसले के बाद एमपी की शिवराज सरकार ने संशोधन याचिका दायर की थी। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था।

बता दें कि राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने प्रदेश में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए जाने के आधार संबंधी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। इसमें ओबीसी को 35 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा की गई है। प्रदेश में त्रिस्तरीय (ग्राम, जनपद और जिला) पंचायत और नगरीय निकाय (नगर परिषद, नगर पालिका और नगर निगम) में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए कोर्ट ने अध्ययन कराने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद राज्य सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग गठित किया था, जिसने मतदाता सूची का परीक्षण कराने के बाद दावा किया कि प्रदेश में 48 प्रतिशत मतदाता ओबीसी हैं। इस आधार पर रिपोर्ट में ओबीसी को 35 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश वाली रिपोर्ट पेश की गई थी।