
Omicron Variant दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में कोरोना के मामलों में तेजी से कमी आई है। इस बीच कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों के बारे में भी एक राहत भरी खबर आ रही है। यह अध्ययन लोगों को राहत देने वाला है।
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क। दिल्ली-एनसीआर समेत
देशभर में कोरोना वायरस के मामले में तेजी से कमी आ रही है। पिछले एक
पखवाड़े के आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना के मामलों में 1000 केस रोजाना
की कमी आई है। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना के संक्रमण के
मामले कम आने लगे हैं। इस बीच कोरोना से संक्रमित होने वालों के बारे में
एक राहत भरी खबर आ रही है। दरअसल, यह खबर उन लोगों के लिए है, जो ओमिक्रोन
वेरिएंट संक्रमित हो चुके हैं।
अध्ययन में सामने आई बड़ी बात
दुनिया भर में हुए दो अध्ययन से पता चला है कि कोरोना से संक्रमित होने वाले ऐसे पीड़ितों को जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं उनमें बूस्टर शाट की तुलना में ओमिक्रोन संक्रमण से अच्छी इम्युनिटी पैदा है। इसका मतलब यह है कि दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के जिन लोगों को कोरोना वायरस की दोनों डोज लग चुकी हैं और फिर ओमिक्रोन संक्रमण संक्रमित भी हुए उनमें इम्युनिटी अच्छी पाई गई। ऐसे लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत शायद ही पड़े। कोविड-19 वैक्सीन निर्माता बायोएनटेक एसई और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी की टीमों ने प्रीप्रिंट सर्वर बायोरेक्सिव पर अध्ययन के नतीजे बताए हैं।
इस अध्ययन से यह भी सामने आया है, ओमिक्रोन के लिए बना बूस्टर शाट ओरिजिनल वैक्सीन के साथ बने कई टीकों की तुलना में अधिक फायदेमंद हो सकता है। बायोएनटेक टीम के अध्ययन के नतीजों के अनुसार, जो लोग ओमिक्रोन संक्रमित हुए उन्हें इन उपयोगी कोशिकाओं से उन लोगों की तुलना में व्यापक प्रतिक्रिया मिली, जिन्होंने बूस्टर शोट लिया था, लेकिन कोई संक्रमण नहीं था।
क्यों लगवाना जरूरी है कोरोना रोधी टीका?
अब इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोरोना रोधी टीका देश-दुनिया में कारगर साबित हो रहा है। यह भी सामने आ चुका है कि कोरोना के दोनों टीके लगवा चुके संक्रमित ज्यादा गंभीर नहीं हुआ, और कोरोना रोधी टीका लोगों की जान बचाने में कारगर साबित हो रहा है। कुछ महीने पहले आए एक अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 के टीके (वैक्सीन) की दूसरी खुराक प्रतिरक्षा प्रणाली के एक हिस्से को शक्तिशाली बनाती है, जाहिर है कि संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है, इसलिए शोध में कहा गया है कि कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक अवश्य लगानी चाहिए।
वहीं, राजधानी दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर 2.74 प्रतिशत से बढ़कर 3.37 प्रतिशत हो गई है। सोमवार को कोरोना के 377 नए मामले आए और 910 मरीज ठीक हुए। इससे सक्रिय मरीजों की संख्या 3500 से भी कम हो गई है। वहीं, 24 घंटे में कोरोना से एक मरीज की मौत हो गई। दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर थमने के बाद पांच अप्रैल को संक्रमण दर एक प्रतिशत से अधिक हो गई थी। उस दिन से अब तक कोरोना के कुल 35,250 मामले आ चुके हैं, जिसमें से 32,551 मरीज ठीक हो चुके हैं।
वहीं, मृतकों की कुल संख्या 42 हो गई है। मौजूदा समय में दिल्ली में 3228 सक्रिय मरीज हैं। 144 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें से छह मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर और 48 मरीज आक्सीजन सपोर्ट पर हैं। 24 घंटे में 92 कंटेनमेंट जोन कम हुए हैं। इस वजह से कंटेनमेंट जोन की संख्या घटकर 1486 रह गई है।