Jharkhand News उपभोक्ताओं की शिकायतों के निष्पादन में झारखंड में लापरवाही। यहां एक भी मान्यता प्राप्त लैब नहीं। मानव संसाधन के अभाव के साथ-साथ बैठक आयोजित करने में भी लापरवाही। एफएसएसएआइ ने जारी किया वर्ष 2021-22 का स्टेट फूड सेफ्टी इंडेक्स।
रांची, । बाजारों, होटलों, रेस्टोरेंट आदि में लोगों को सुरक्षित खाद्य पदार्थ की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर राज्य में की जा रही पहल संतोषजनक नही है। तभी तो राज्य खाद्य सुरक्षा इंडेक्स में झारखंड आधा अंक भी जुटा नहीं सका। विभिन्न मानकों में तय किए गए अधिकतम सौ अंकों में झारखंड महज 41.5 अंक लाकर पूरे देश में 16वें स्थान पर रहा। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार (एफएसएसएआइ) द्वारा विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर सात जून को जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
एडवाइजरी कमेटी की बैठक ही नहीं हुई
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार ने फूड सेफ्टी को लेकर स्टेट लेवल एडवाइजरी कमेटी तो गठित की, लेकिन वर्ष 2021-22 में इसकी एक भी बैठक नहीं हुई। केंद्र की सीएससी की बैठक में खाद्य सुरक्षा आयुक्त को शामिल नहीं होने पर भी झारखंड को दो अंक नहीं मिल पाया। इसी तरह, राज्य सरकार हाई रिस्क फूड बिजनेस आपरेटरों के मासिक तथा क्वाटरली निरीक्षण की योजना तैयार नहीं कर सकी। अलबत्ता इस दौरान 16,809 खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण हुआ, जिससे झारखंड को चार में चार अंक प्राप्त हुए।
जानिए, किन राज्यों से नीचे है झारखंड
वर्ष 2021-22 में उपभोक्ताओं की 26 शिकायतें मिलीं, जिनमें 15 शिकायतें लंबित थीं। राज्य में एनएबीएल से एक भी स्टेट फूड टेस्टिंग लेबाेरेट्री को मान्यता नहीं होने तथा फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट, 2006 की धारा 43 (1) के तहत एक भी लेबोरेट्री अधिसूचित नहीं होने पर भी झारखंड अंक से वंचित हुआ। विभिन्न राज्यों की बात करें तो खाद्य सुरक्षा इंडेक्स में हरियाणा, छत्तीसगढ़, असम, तेलंगाना, बिहार, आंध प्रदेश, सिक्किम, त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम तथा अरुणाचल प्रदेश की रैंकिंग झारखंड से नीचे है। अन्य सभी राज्य झारखंड से आगे हैं। कुल 82 अंक लाकर तमिलनाडु रैंकिंग में सबसे ऊपर रहा।
इनपर भी नहीं हुआ काम
- रांची और जमशेदपुर में क्लीन स्ट्रीट फूड योजना क्रियान्वित नहीं हो सकी। इसके तहत ठेला-खोमचावालों के लिए जगह चिह्नित कर उन्हें हाइजनिक फूड के लिए सुविधाएं उपलब्ध करानी थी।
- 'भोग' कार्यक्रम के तहत किसी भी बड़े मंदिर के परिसर में प्रसाद बेचनेवाले प्रतिष्ठानों का क्षमता संवर्द्धन नहीं हो सका। न ही उन्हें सुविधाएं प्रदान की गईं।
- एक भी क्लीन एंड फ्रेश फ्रूट एंड वेजीटेबल मार्केट की स्थापना नहीं की जा सकी।
- महज सात स्कूलों में ईट राइट स्कूल योजना शुरू हुई। ईट राइट कैंपस एक भी नहीं।
किस मानकों पर झारखंड को मिले कितने अंक
- मानक -- अधिकतम अंक -- झारखंड को प्राप्त अंक
- मानव संसाधन तथा संस्थागत डाटा -- 20 -- 07
- शिकायतों का निष्पादन -- 30 -- 13
- खाद्य जांच संरचनाएं तथा सर्विलांस -- 20 -- 10
- प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण -- 10 -- 06
- उपभोक्ता जागरुकता -- 20 -- 5.5
- कुल -- 100 -- 41.5