रानीबाग से नैनीताल रोपवे प्रोजेक्ट में 45 दिन में एनएचआइ हाई कोर्ट में पेश करेगी प्रपोजल

 

यह प्रपोजल एनएचआइ. को शपथपत्र के माध्यम से सभी कागजातों के साथ पेश करना है।

Nainital ropeway project यह प्रोजेक्ट 12 किलोमीटर का है। नए सिरे से डीपीआर तैयार किया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रपोजल व शपथपत्र पेश करने के लिए समय दिया जाय। जिस पर कोर्ट ने एनएचएआई को 45 दिन का समय दिया।

संवाददाता, नैनीताल: हाई कोर्ट ने नैनीताल जिले के रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट मामले में नैनीताल निवासी प्रो अजय रावत की जनहित याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए एनएचएआई से 45 दिन के भीतर एक प्रपोजल पेश करने को कहा है। यह प्रपोजल एनएचआइ. को शपथपत्र के माध्यम से सभी कागजातों के साथ पेश करना है।बुधवार को सुनवाई के दौरान एनएचआइ की तरफ से कहा गया कि मार्च 2022 में जर्मन ऑस्ट्रेलियन कंपनी को सर्वे के लिए 9 करोड़ का ठेका दे दिया है। अब एनएचआइ इस प्रोजेक्ट का नए सिरे से सर्वे करेगी। पूरे प्रोजेक्ट का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जाएगा।

पुराने प्रोजेक्ट में चार स्टेशन बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन  बेस स्टेशन के लिए भूमि पक्की नही मिलती है तो इसे दूसरी जगह बेस स्टेशन बनाया जा सकता है, चाहे कितने भी स्टेशन बनाने पड़े। यह प्रोजेक्ट 12 किलोमीटर का है। नए सिरे से डीपीआर तैयार किया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रपोजल व शपथपत्र पेश करने के लिए समय दिया जाय। जिस पर कोर्ट ने एनएचएआई को 45 दिन का समय दिया।

नैनीताल निवासी पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषदव व राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है। रोपवे के लिए निहाल नाले और बलियानाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है ये दोनो नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदन शील क्षेत्र है।

लिहाजा यहा किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता। पूर्व में भी हाईकोर्ट ने हनुमानगढ़ी क्षेत्र में निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि वह रोपवे के विरोध में नही है बल्कि रोपवे के निर्माण से पहले इसकी विस्तृत भूगर्भीय जांच कराई जाए।