मेरठ वा‍स‍ियों के लिए अच्‍छी खबर: मेरठ में उतरेंगे बड़े विमान, प्रशासन बना रहा 50 साल का प्लान

 

मेरठ में बड़े विमान उतारने की योजना बना रहा प्रशासन।

मेरठ में रात और दिन हर समय काम करे मेरठ एयरपोर्ट उसके लिए चाहिए 190 हेक्टेयर जमीन और 935 करोड़। सरकार के निर्देश पर प्रशासन तैयार कर रहा प्लान जल्द जाएगा लखनऊ। प्राथमिक गणना के मुताबिक इसके लिए चार गांवों की सीमा में 190 हेक्टेयर जमीन खरीदनी होगी।

मेरठ,संवाददाता। अभी तक मेरठ की हवाई पट्टी का विस्तार करके यहां से 72 सीटर विमान उड़ाने की योजना बनाई जा रही थी लेकिन अब सरकार के संकेत हैं कि यहां ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि रात और दिन किसी भी समय विमान उड़ और उतर सकें। इसके साथ ही बड़े विमान को भी यहां उतारकर उनकी मरम्मत, रखरखाव और जीर्णोद्धार का काम भी किया जा सके। इसके लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा प्लान तैयार किया जा रहा है। एएआइ से प्राप्त मानचित्र को मौके पर उपलब्ध खसरा खतौनी पर सुपरइंपोज करके आकलन किया जा रहा है।

प्राथमिक गणना के मुताबिक इसके लिए चार गांवों की सीमा में 190 हेक्टेयर जमीन खरीदनी होगी। जिसके लिए लगभग 935 करोड़ रुपये की व्यवस्था करनी होगी। मेरठ में एयरपोर्ट, जहाज और हवाई यात्रा को लेकर सरकार पिछले आठ साल से तमाम दावे और वादे जनता से कर रही है। लेकिन ये दावे धरातल पर नहीं उतर रहे हैं जिसे लेकर जनता मायूस है। केंद्र सरकार की उड़ान योजना में शामिल होने के बाद भी अभी तक मेरठ से छोटे शहरों के बीच हवाई यात्रा के लिए 72 सीटर विमान उड़ाने के लिए भी कोई काम नहीं हो सका है। इसके लिए योजना तो कई बार तैयार की जा चुकी है लेकिन जमीन की व्यवस्था करने के लिए न सरकार तैयार है और न एएआइ।

वहीं इसी अवधि में सरकार ने हिंडन, जेवर, सहारनपुर, आगरा, मुरादाबाद, अलीगढ़ समेत मेरठ के आसपास तमाम शहरों में हवाई यात्रा की सुविधा या तो शुरू कर दी अथवा उसकी तैयारी जोरों पर है। जिससे मेरठ की जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर है। अब 50 साल की जरूरत पर कामइसी बीच सरकार का नया फरमान आया है। मेरठ में अब अगले 50 साल की जरूरत को पूरा करने की योजना तैयार की जा रही है। जिसके तहत यहां अब रात और दिन किसी भी समय विमान उड़ाने और बड़े विमान उतारकर उनकी मरम्मत, रखरखाव और जीर्णोद्धार (मेंटीनेंस, रिपेयर और ओवरहालिंग) का कार्य यहीं पर कराया जा सकेगा। एएआइ से भी इसके लिए प्रोजेक्ट और मानचित्र प्राप्त किया गया है। सरकार के नए प्लान पर कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह के निर्देशन में स्थानीय प्रशासन काम कर रहा है। प्राथमिक योजना के मुताबिक फिलहाल 37.6920 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है। इसके अलावा किसानों और विभागों की लगभग 190 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना होगा। जिसके लिए 935 करोड़ से अधिक राशि की आवश्यक्ता होगी।

सीमा में आ रही गगोल तीर्थ की जमीननई योजना के लिए आवश्यक भूमि में गगोल तीर्थ के दो खसरा संख्या पूर्ण तथा एक आंशिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। यह जमीन विश्वामित्र तीर्थ के नाम से दर्ज है। जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं भी जुड़ी हैं।

कहां कितनी जमीन लेंगे

कांशी 13.6000 हेक्टेयर कंचनपुर घोपला 27.0000 हेक्टेयरअजीजपुर 9.5000 हेक्टेयरगगोल 140.8000

361 करोड़ में केवल दिन में उड़ान भरेगा एटीआर 72हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा एटीआर 72 विमान (72 सीट की क्षमता) को केवल दिन के उजाले में उड़ाने के लिए योजना बनाकर भेजी गई थी। जिसके मुताबिक हवाई पट्टी के विस्तार के लिए 70.5374 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना होगा। इस जमीन की उपलब्धता के लिए 362 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। लेकिन अब इस प्लान पर भी अधिक विस्तार से काम किया जा रहा है। अब अधिग्रहीत होने वाली इस भूमि के एक एक मालिक का विवरण दर्ज करने के साथ ही यह आकलन किया जा रहा है कि महंगाई का कितना प्रभाव इस योजना की जमीन की कीमत पर पड़ेगा।

इन्होंने कहा...

शासन के आदेश पर मेरठ की आगामी 50 वर्ष की हवाई यात्रा सेवा की आवश्यक्ता को ध्यान में रखकर योजना तैयार की जा रही है। जल्द इसे अंतिम रूप देकर शासन को भेज दिया जाएगा।

- सुरेन्द्र सिंह, कमिश्नर मेरठमंडल