बंगाल मेले में भीड़ व गर्मी से पांच की मौत, 50 से ज्यादा बीमार, कई गंभीर

 

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहा धार्मिक सभा में गर्मी और उमस के कारण तीन बुजुर्ग श्रद्धालुओं की मौत ।

हुगली नदी के किनारे एक मंदिर में दोई-चिरे मेला के दौरान भीड़ के मध्य गर्मी के कारण गंभीर रूप से बीमार पड़ने के बाद तीन लोगों को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। अव्यवस्था मेडिकल टीमों की कमी ट्रैफिक नियंत्रण में कमियों को भी कारण बताया जा रहा है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। उत्तर 24 परगना जिले के पानीहाटी में महोत्सवतला घाट में आयोजित दहीचूड़ा मेले में भारी भीड़ और गर्मी के कारण तबीयत खरीब होने से पांच लोगों की मौत हो गई। 50 से अधिक लोग बीमार होकर अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। जिनमें से कई की हालत आशंकाजनक है। अव्यवस्था, मेडिकल टीमों की कमी, ट्रैफिक नियंत्रण में कमियों को इस अनहोनी का कारण बताया जा रहा है। मृतकों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने बताया कि अब तक पांच लोगों की मौत की खबर आई है। 50 जने अस्पताल मे भर्ती कराए गए हैं। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर घटना पर दुख व्यक्त किया है।

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट करके कहा, पानीहाटी के इस्कान मंदिर में दंड महोत्सव में गर्मी और उमस के कारण तीन श्रद्धालुओं की मौत के बारे में सुनकर व्यथित हूं। पुलिस आयुक्त और जिलाधिकारी मौके पर पहुंचे हैं और सभी सहायता प्रदान की जा रही है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना। विपक्ष ने राज्य सरकार के कुप्रबंधन पर सवाल उठाए हैं। मेला आयोजकों और प्रशासन ने मेले का आयोजन बंद कर दिया है। इलाके में राहत अभियान शुरू किया गया है।

मेला, कीर्तन, प्रसाद तो था पर पुलिस के इंतजाम नहीं

मेलार्थियों के मुताबिक सुबह से ही मंदिर में लोगों की भीड़ उमड़ी थी। मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया गया था। कीर्तन प्रसाद की व्यवस्था भी थी। आने जाने का मार्ग एक होने के कारण भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा था। भीषण गर्मी और भीड़ के कारण अव्यवस्था फैल गई। लोग बीमार हो गए। उन्हें अस्पताल तक ले जाने में हुई देर के कारण मारे गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मेले के आयोजन में कहीं भी पुलिस प्रशासन की भूमिका नजर नहीं आई

दो साल बाद हुआ था मेला

कोरोना काल के कारण दो साल से बंद दही चूड़े मेले में रविवार को बड़ी संख्या में मेलार्थी उमड़े थे। इस्कॉन मंदिर की ओर से दंड महोत्सव का आयोजन किया गया था। दूर दराज के गांवों से कीर्तन मंडलियों का जमावड़ा हुआ था। अचानक लोग बीमार होकर रास्तों पर ही बैठते, लेटते देखे जाने लगे। हो हल्ला, चीख पुकार के बाद स्वयंसेवक सक्रिय हुए। स्थानीय युवाओं की मदद से उन्हें अस्पताल ले जाया गया। एम्बुलेंसों की व्यवस्था की गई। बचाव कार्य में जुटे एक स्वयं सेवक ने बताया कि ज्यादातर ऐसे लोग बीमार हुए जिनकी उम्र ज्यादा थी या जो पहले से ही बीमार थे।

मुख्यमंत्री ने डीएम एसपी को भेजा

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना को दुखदायी बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि घटनास्थल पर डीएम व एसपी को भेजा गया है। सहायता अभियान शुरू किया गया है।

पुलिस भूली पेशे को- सुकांत

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि पूरे राज्य में अशांति काल चल रहा है। पुलिस प्रशासन अपने पेशेवराना कर्तव्य करने की जगह केवल विरोधी दल को रोक रही है।