यह है हिमाचल का खूबसूरत और आसान ट्रैक, 8 से 10 हजार में बनाएं पांच दिन का टूर, तस्‍वीरों में देखिए वादियां



हिमाचल के हिमालयी क्षेत्र में पड़ने वाला हामटा दर्रा इन दिनों ट्रैकर्स की पहली पसंद बना हुआ है।

Manali Hamta Trek ट्रैकिंग के लिए हिमाचल आ रहे हैं तो हामटा पास रूट पर ट्रैकिंग करना न भूलें। हिमाचल प्रदेश के हिमालयी क्षेत्र में पड़ने वाला हामटा दर्रा इन दिनों ट्रैकर्स की पहली पसंद बना हुआ है।

मनाली। Manali Hamta Trek, ट्रैकिंग के लिए हिमाचल आ रहे हैं तो हामटा पास रूट पर ट्रैकिंग करना न भूलें। हिमाचल के हिमालयी क्षेत्र में पड़ने वाला हामटा दर्रा इन दिनों ट्रैकर्स की पहली पसंद बना हुआ है। पीर पंजाल के हिमालयी क्षेत्र में स्थित हामटा पास समुद्र तल से लगभग 14,039 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। मनाली के ट्रेवल एजेंटों ने हामटा ट्रैक के लिए ट्रैकरों को विशेष व्यवस्था की है। चार से पांच दिन के इस ट्रैक में प्रति ट्रैकर आठ से दस हजार तक ट्रैकिंग का खर्च है, जिसमें रहने व खाने पीने सहित दवाई की विशेष व्यवस्था रहेगी।

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चारों और बर्फ से ढके हुए विशाल पर्वत ट्रैकरों का मन मोह रहे हैं। इस ट्रैक पर देवदार के सुंदर वृक्षों के अलावा झरने, बर्फ से बड़े-बड़े ग्लेशियर, झीलें, छोटे-छोटे कोमल घास के मैदान प्रकृति का नजदीक से अहसास करवा रहे हैं और पूरे ट्रैक को रोमांचित व खूबसूरत बना रहे हैं।

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सैलानी मनाली पहुंचने के बाद पहले दिन शहर से गाड़ी द्वारा जोबड़ी पहुंचते हैं यहां से पैदल छीका पहुंचकर खुले आसमान के नीचे टेंट में रात बिताते हैं। दूसरे दिन छीका से बालू रा घेरा पहुंचते हैं। यहां रुकने के बाद तीसरे दिन हामटा के दीदार कर वापस शाम को बालू रा घेरा पहुंचते हैं। चौथे दिन बालू रा घेरा से छीका व पांचवें दिन छीका से मनाली पहुंचते हैं। चलने में तेज ट्रैकर चौथे दिन छीका से सीधे मनाली भी पहुंच जाते हैं। प्रति ट्रैकर प्रति दिन दो हजार का खर्च होता है।

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हामटा पास दर्रा मनाली और लाहुल की चंद्र घाटी के बीच में स्थित है। दर्रे के उस पार शीत मरुस्थल लाहुल घाटी दिखती है, जबकि मनाली की ओर इंद्र किला, हनुमान टिब्बा व रानी सुई जैसी सुंदर चोटियों के दीदार होते हैं।

हिमालयन एडवेंचर मनाली के संचालक रूप चन्द नेगी ने बताया हामटा ट्रैक पर व्यवस्था भी बेहतर है तथा ट्रैक भी ज्‍यादा मुश्किल नहीं है। इसलिए यह ट्रैक सैलानियों की पहली पसंद रहता है। उन्होंने बताया कि इस ट्रैक का प्रति व्यक्ति खर्च चार दिन का आठ जबकि पांच दिन का दस हजार है। यह ट्रैक हिमालय के अन्य ट्रैक्स के मुकाबले में ज्यादा कठिन नहीं है इस कारण ट्रैक पर कोई भी आसानी से आ जा सकता है। उन्होंने बताया कि छीका सहित बालू रा घेरा नामक स्थान में टैंट लगाए हैं।उधर, डीएसपी मनाली हेम राज वर्मा ने ट्रैकरों से आग्रह किया कि वो ट्रैकिंग पर जाने से पहले पुलिस को जानकारी देो़ ताकि विपदा की घड़ी में मदद पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा ट्रैकर स्थानीय ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से अनुभवी गाइडों के साथ ही ट्रैकिंग को प्राथमिकता दें।