
Delhi Water Supply 15-20 साल में पहली बार दिल्ली में पानी का उत्पादन 930 एमजीडी (मिलियन गैलेन डेली) से बढ़कर 990 एमजीडी हुआ है। लेकिन दिल्ली में पानी की किल्लत बरकरार है। पानी की कमी को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार झीलों को विकसित करेगी।
नई दिल्ली,संवाददाता। दिल्ली सरकार रोहिणी झील को बड़े पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कर रही है। शुक्रवार को इस झील का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार की ओर से शहर की प्रमुख झीलों और जल निकायों को जीवंत बनाने का काम किया जा रहा है।
दिल्ली देश की राजधानी है और यहां पानी की कमी को दूर करना आवश्यक है। इसके मद्देनजर यमुना की सफाई के साथ-साथ दिल्ली में 24 घंटे पानी देने के लिए ग्राउंड वाटर रिचार्ज कर पानी का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। झीलों को विकसित करने का उद्देश्य भूजल स्तर को बढ़ाना है।
केजरीवाल ने कहा कि 15-20 साल में पहली बार दिल्ली में पानी का उत्पादन 930 एमजीडी (मिलियन गैलेन डेली) से बढ़कर 990 एमजीडी हुआ है। इससे यह साबित होता है कि आंतरिक स्त्रोतों से 60 एमजीडी अतिरिक्त पानी का उत्पादन बढ़ा है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों के अंदर यह और बढ़ेगा, क्योंकि एक बार सफलता मिलने के बाद इस तरह के प्रयासों में और तेजी लाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि पानी की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए हम केंद्र सरकार के जरिये पड़ोसी राज्यों से बात कर रहे हैं कि पड़ोसी राज्य हमें और पानी दें। केजरीवाल ने कहा, मुझे खुशी है कि इंजीनियरों ने मिलकर जो प्रयास किए हैं, उसके नतीजे आने लगे हैं।
1990 के आसपास सुप्रीम कोर्ट ने पड़ोसी राज्यों से दिल्ली को पानी आवंटित किया था। उसके बाद इसे कभी नहीं बढ़ाया गया, जबकि तब दिल्ली की आबादी एक करोड़ से भी कम थी और आज करीब 2.5 करोड़ हो चुकी है। रोहिणी एसटीपी से ट्रीट हुआ पानी पास में बनी झीलों में डाला जाएगा, जिससे भूजल स्तर बढ़ेगा। इस अवसर पर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
रोहिणी झील
रोहिणी झील दिल्ली में पुनर्जीवित होने वाली 23 झीलों में से एक है और इसे एक प्रमुख प्रोजेक्ट के रूप में भी नामित किया गया है। झीलों के कायाकल्प के लिए झील का सुंदरीकरण, भू-निर्माण और ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण किया जा रहा है। रोहिणी झील और रोहिणी एसटीपी, दोनों 100 एकड़ जमीन में हैं। इसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट 20 एकड़ में और झील 80 एकड़ में विकसित की जा रही है।
इसमें 15 एमजीडी की क्षमता वाले एसटीपी से उपचारित पानी को एकत्रित किया जाएगा। साथ ही, बरसात का पानी भी यहां एकत्र किया जा सकेगा, जिससे भूजल स्तर में बढ़ोतरी होगी।
फरवरी 2023 तक प्रोजेक्ट होगा पूरा
रोहिणी झील को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का उद्देश्य है। यह प्रोजेक्ट फरवरी 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसे पूरा होने के एक महीने बाद पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। सरकार रोहिणी झील को खूबसूरत बनाने के लिए विशेषज्ञों की मदद भी ले रही है। झील में पूरे वर्ष स्वच्छ पानी होगा।
प्रकृति के करीब आने का मौका
झील का अत्याधुनिक तरीके से विकसित किया जा रहा है। झील स्थल में प्राइमरी और सेकेंडरी, दो पैदल चलने के लिए पथ और 4.5 मीटर का एक जंगल का रास्ता भी होगा, जो झील के बीच से होकर गुजरेगा। यहां लगे कई पेड़-पौधे न केवल पर्यटकों को इसकी सुंदरता के लिए आकर्षित करेंगे, बल्कि लोगों को प्रकृति के करीब आने का भी मौका मिलेगा।
यह सुविधाएं होंगी
झील के आसपास पार्किंग स्पेस, कैफेटेरिया, चिल्ड्रन पार्क, एंट्रेंस प्लाजा, ग्रैंड स्टेप्ड प्लाजा आदि की सुविधा होगी। इसके अलावा वाटर गार्डन, वाटर एल्कोव्स और भारत में जल संचयन की कहानी बताने वाला एक आउटडोर म्यूजियम भी बनाया जाएगा। रोहिणी झील, दिल्ली में गिरते भूजल स्तर में सुधार लाने में काफी मददगार साबित होगी। साथ ही, पौधों, पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों के लिए आशियाना बनेगी।