बीए, बीएससी और बीकाम के छात्रों को अब नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर, डिजी लाकर से मिलेगी डिग्री, ऐसे प्राप्त करें

 

गढ़वाल विश्वविद्यालय स्नातक की डिग्री डिजी लाकर के माध्यम से मिलेगी

प्रथम चरण में स्नातक के शैक्षणिक सत्र 2018 2019 और 2020 के छात्र-छात्राओं को उनकी उपाधि डिजी लाकर पर उपलब्ध होगी। जल्द ही विश्वविद्यालय ने विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की आयोजित परीक्षाओं के ग्रेड कार्ड भी डिजीटल लाकर के माध्यम से उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।

संवाददाता, देहरादून : हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय स्नातक की डिग्री डिजी लाकर के माध्यम से आनलाइन मिलेंगी।

छात्र-छात्राओं को बीए, बीएससी और बीकाम की डिग्री लेने के लिए अब विवि के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। प्रथम चरण में स्नातक के शैक्षणिक सत्र 2018, 2019 और 2020 के छात्र-छात्राओं को उनकी उपाधि डिजी लाकर पर उपलब्ध होगी। विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने डिजीटल इंडिया अभियान के अंतर्गत विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यों का आनलाइन क्रियान्वयन प्राथमिकता से करने की तैयारी की थी। जिसके तहत ही छात्रों को उनकी डिग्री अब डिजी लाकर पर उपलब्ध हो रही हैं।

विवि की कुलपति प्रो.अन्नपूर्णा नौटियाल के निर्देश पर विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष प्रो.मनमोहन सिंह रौथाण के नेतृत्व में कला, विज्ञान और वाणिज्य वर्ग के स्नातक स्तर के शैक्षणिक सत्र 2018, 2019 और 2020 के छात्र-छात्राओं की उपाधि आनलाइन कर दी गई है। कुलपति ने यह भी बताया कि जल्द ही विश्वविद्यालय ने विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की आयोजित परीक्षाओं के ग्रेड कार्ड भी डिजीटल लाकर के माध्यम से उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।

ऐसे प्राप्त करें आनलाइन डिग्री

संबंधित छात्रों को प्ले स्टोर से डिजी लाकर ऐप डाउनलोड करने के बाद अपने आधार नंबर से पंजीकरण करना होगा और एजूकेशन कैटगरी में जाकर एचएनबीजीयू पर क्लिक कर वहां पर अपना रोल नंबर, नामांकन संख्या और उत्तीर्ण वर्ष भरना होगा। इसके बाद उन्हें अपनी डिजीटल डिग्री प्राप्त हो जाएगी।

डिग्री सिक्योरिटी फीचर से लैस

जालसाज अब हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि की फर्जी डिग्री बनाकर अनुचित लाभ नहीं उठा पाएंगे। क्योंकि, विवि से मिलने वाली डिग्री नौ सिक्योरिटी फीचर से लैस होंगी। विवि के हर छात्र की डिग्री को उसके आधार से भी लिंक किया गया है। विवि के दीक्षा समारोह में स्नातक, स्नातकोत्तर व पीएचडी के करीब दो हजार छात्र-छात्राओं को यही हाईटेक डिग्री प्रदान की गई। विवि का दावा है कि इस डिग्री से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकेग

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