कुतुबमीनार परिसर स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने की याचिका हाईकोर्ट ने फिर कर दी खारिज, बताया ये कारण?

 

एएसआइ द्वारा नमाज पर रोक लगाने के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति ने दायर की है याचिका।

न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी व पूनम ए भंभा की पीठ ने कहा कि मामले को तत्काल सुने जाने की आपात स्थिति नहीं है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने अवकाशकालीन पीठ के समक्ष मामले को सूचीबद्ध करने से भी इन्कार कर दिया था।

नई दिल्ली,  संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में कुतुबमीनार परिसर के प्रवेश पर स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने पर भारतीय पुरतत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा लगाई गई रोक के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी व पूनम ए भंभा की पीठ ने कहा कि मामले को तत्काल सुने जाने की आपात स्थिति नहीं है। इससे पहले तीन जून को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने साथ ही अवकाशकालीन पीठ के समक्ष मामले को सूचीबद्ध करने से भी इन्कार कर दिया था।

पीठ ने अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के संबंध में निर्देश देने से इन्कार कर दिया था। सोमवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति ने अधिवक्ता एम सुफियान सिद्दीकी के माध्यम से याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। अधिवक्ता ने दलील दी कि यह मस्जिद एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति है जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, एएसआइ ने अचानक 15 मई को उन्हें नमाज अदा करने से रोक दिया। बोर्ड ने नमाज अदा करने की अनुमति देने की मांग की थी। याची ने कहा कि इस संबंध में कोई भी औपचारिक आदेश या निर्देश जारी किए अचानक नमाज बंद कर दी गई।

प्राथमिक स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा के मामले को लेकर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त को समन करने के दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) के आदेश पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने दो जून को आयोग की ओर से जारी आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर डीसीडब्ल्यू से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 20 जून को होगी।एमसीडी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि एमसीडी आयुक्त के स्थान पर एक अतिरिक्त निदेशक (शिक्षा) का पैनल जवाब देने के लिए नौ जून को आयोग के सामने पेश होगा।

प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों की सुरक्षा पर एक नोटिस का जवाब देने के लिए निगम द्वारा दो महीने का समय मांगने के बावजूद डीसीडब्ल्यू ने दो जून को एमसीडी आयुक्त को तलब करने का आदेश दिया। डीसीडब्ल्यू ने 30 अप्रैल को दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न की सूचना के बाद दिल्ली के प्राथमिक स्कूलों में लड़कियों की सुरक्षा की स्थिति की जांच शुरू की थी।