दिल्ली में जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी पर दिल्ली पुलिस सख्त, दो गिरफ्तार; कई की तलाश जारी

 

Delhi Jama Masjid Protest: दिल्ली में जामा मस्जिद बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी पर दिल्ली पुलिस सख्त, कई के खिलाफ FIR

Delhi Jama Masjid Protest दिल्ली में जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने भी शुक्रवार को ही प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी। इसमें प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी भी की थी।

नई दिल्ली,  डिजिटल डेस्क। Delhi Jama Masjid Protest: पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ तथाकथित रूप से टिप्पणी करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी से निलंबित नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग लेकर शुक्रवार को जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन मामले मेंं दिल्ली पुलिस सख्त हो गई है। फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। 

इस बाबत डीसीपी श्वेता चौहान ने इस बारे में बताया था कि जामा मस्जिद के बाहर लोगों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लिए हुए नारेबाजी की थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने शनिवार की रात को दो लोगों को ​इस मामले में गिरफ्तार किया है।

श्वेता चौहान के अनुसार अब इस मामले में धारा 153ए भी जोड़ दी गई है। पैगंबर पर विवादित टिप्पणी मामले को लेकर निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन जिंदल के खिलाफ बीते शुक्रवार को जामा मस्जिद के बाहर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान जमकर हुए प्रदर्शन किया गया था। 

डीसीपी सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट श्वेता चौहान ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद शुक्रवार को जामा मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर अज्ञात लोगों के खिलाफ आइपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनमें दो आरोपितों को शनिवार की रात को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी प्रदर्शनकारियों की पहचान की जा रही है, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

बता दें कि शुक्रवार को भाजपा की निलंबित नेता नुपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन जिंदल की भड़काऊ टिप्पणी को लेकर जामा मस्जिद के बाहर कई घंटे तक प्रदर्शन हुआ था। इसकी कोई इजाजत भी नहीं ली गई थी।

वहीं, शुक्रवार को नमाज के बाद देश के कई शहरों में उग्र प्रदर्शन से माहौल बिगाड़ने की कोशिश पर मुस्लिम धर्मगुरुओं और विद्वानों ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए इसे गलत बताया था। वहीं, वाराणसी में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एवं ज्ञानवापी मामले में मस्जिद पक्ष के मुख्य पक्षकार एसएम यासीन ने अपील की है कि सौहार्द कायम रखने में सब लोग मिलकर काम करें। सहारनपुर के शहर काजी नदीम अख्तर ने कहा कि विरोध कानून के दायरे में रहकर ही किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की बीते दिनों एक टीवी शो में की गई टिप्पणी का विरोध करते हुए भीड़ ने शुक्रवार को नमाज के बाद अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन व उपद्रव किया। बुखारी ने एक टीवी चैनल से कहा कि उन्होंने लोगों से प्रदर्शन और दुकानें बंद रखने से दूर रहते हुए शांति बनाए रखने की अपील की थी। स्थितियों को देखते हुए यह प्रदर्शन सही नहीं था।

कानून के दायरे में जताएं विरोध

जमीयत उलमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने साफ किया था कि भारत बंद से उनका या उनके संगठन का कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने सभी से संयम बरतने की अपील भी की थी। इसके बाद भी सहारनपुर में विरोध प्रदर्शन किया गया। सहारनपुर के शहर काजी नदीम अख्तर ने कहा कि युवाओं के विरोध का तरीका उचित नहीं है। कानून के दायरे में ही विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। बुजुर्गो व मौलानाओं की बात माननी चाहिए। वहीं, जामा मस्जिद सहारनपुर के प्रबंधक मौलवी फरीद मजाहिरी ने कहा कि मौलानाओं की अपील को मानना चाहिए था। भावनाएं अपने स्थान पर हैं जबकि कानून अपनी जगह।

शाही इमाम बोले-नहीं पता कौन लोग थे

दिल्ली के जामा मस्जिद क्षेत्र में भीड़ द्वारा उग्र प्रदर्शन और नारेबाजी से दूरी बनाते हुए शाही इमाम ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि किन लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। जानकारी नहीं थी कि यहां प्रदर्शन होने वाला है। प्रदर्शन में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के लोगों के होने की चर्चा से भी बुखारी ने अनभिज्ञता जताई।

मिलकर सौहार्द कायम करें

दूसरी तरफ, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने शुक्रवार को हुए उग्र प्रदर्शन के बाद कहा कि सौहार्द कायम करने में सबको मिलकर काम करना चाहिए। इससे पहले गुरुवार को उन्होंने कहा था कि इंटरनेट मीडिया पर ज्यादातर खबरें सच से परे होती हैं।