आइएमए की अपील, रोजाना पांच रोगी मुफ्त देंखे चिकित्सक व लिखें सस्‍ती जेनेरिक दवाएं

 

आइएमए ने अपने चिकित्सकों को रोजाना कम से कम पांच गरीब रोगियों का मुफ्त उपचार करने की अपील की है।

आइएमए ने अलीगढ समेत पूरे प्रदेश में अपने चिकित्‍सकों से अपील की है कि वे प्रतिदिन कम से कम पांच गरीब रोगियों का उपचार करें। इतना ही नहीं उन्‍हें सस्‍ती जेनेरिक दवाएं ही लिखें ताकि आसानी से उपलब्‍ध हो सके।

अलीगढ़,  संवाददाता। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अलीगढ़ समेत पूरे प्रदेश में अपने चिकित्सकों को रोजाना कम से कम पांच गरीब रोगियों का मुफ्त उपचार करने की अपील की है। कोरोना काल के बाद पिछले माह बरेली में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में इस पर पहल हुई है। जनपद में अपने सदस्यों को जानकारी देने के लिए आइएमए अलीगढ़ शाखा की जल्द बैठक बुलाई जाएगी।

गरीब तबके के रोगियों को सबसे ज्‍यादा परेशानी

आइएमए अध्यक्ष डा. जंयत शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में हमनें रोगियों को उपचार के लिए परेशान देखा। गरीब तबके के रोगियों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई। यह समस्या अब भी बनी हुई है। सरकारी अस्पतालों में भीड़ के बावजूद तमाम गरीब रोगियो को उपचार नहीं मिल पा रहा। वे इधर-उधर दवा लेकर खाते रहते हैं। इसके कई बार उनकी बीमारी और बढ़ जाती है। काफी रोगी ऐसे होते हैं तो डाक्टर की फीस न चुका पाने के कारण उचित उपचार नहीं करा पाते। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इसे लेकर काफी चिंतित है, क्योंकि प्रत्येक रोगी को उपचार मिलना अनिवार्य है। एसोसिएशन के राष्ट्रीय समिति की ओर से कई बार प्रेरित किया गया। आइएमए यूपी ने अपनी बैठक ने इस विषय को प्रमुखता से उठाया। अंत में सभी सदस्यों से हर रोज पांच ऐसे गरीब रोगियों का उपचार मुफ्त करने की अपील की, जो फीस नहीं दे सकते।

आइएमए की अगली बैठक में फिर होगी चर्चा

डा. जयंत के अनुसार, अपने जनपद के सदस्यों से हमारी अपील है कि वे आइएमए यूपी के अनुसार रोजाना पांच गरीब रोगियों का उपचार करें। उन्हें न केवल परामर्श दें, बल्कि सस्ती जेनरिक दवा लिखें। सैंपल में मिलने वाली दवा भी उन्हें निश्शुल्क दें। हालांकि, काफी डाक्टर पहले से ही ऐसा कर रहे हैं। आइएमए की अगली बैठक में इस पर पुन: चर्चा होगी।

गर्भवतियों की हो रही मुफ्त जांच

प्रधानमंत्री के आह्वान पर शहर के कुछ अस्पतालों में गर्भवती महिलाअों की प्रत्येक माह की नौ तारीख को मुफ्त जांच हो रही है, ताकि मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद मिले। हर माह सैकड़ों गर्भवतियों को इसका लाभ मिल रहा है। आइएमए की यह पहल रंग लाई तो काफी गरीब रोगियों को लाभ मिलेगा।