नौकरी से हटाए गए आउटसोर्स कर्मचारियों ने शुरू किया बेमियादी अनशन, बहाल नहीं होने पर जताई नाराजगी

 

नौकरी से हटाए गए आउटसोर्स कर्मचारियों ने मंगलवार से धरना स्थल पर बेमियादी अनशन शुरू कर दिया है।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत की घोषणा के बाद भी स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों पर बहाली नहीं किए जाने से आउटसोर्स कर्मचारियों में नाराजगी है। कर्मचारी इससे पहले कई बार सीएम आवास व सचिवालय भी कूच कर चुके हैं।

 संवाददाता, देहरादून: नौकरी से हटाए गए आउटसोर्स कर्मचारियों ने मंगलवार से एकता विहार स्थित धरना स्थल पर बेमियादी अनशन शुरू कर दिया है। शुभम अरोड़ा व राम अनशन पर बैठे। शाम को उन्होंने कैंडल मार्च भी निकाला।  स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत की घोषणा के बाद भी स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों पर बहाली नहीं किए जाने से आउटसोर्स कर्मचारियों में नाराजगी है।

वह पिछले दो माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं। कर्मचारी इससे पहले कई बार सीएम आवास व सचिवालय भी कूच कर चुके हैं। कोरोनाकाल में दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय व अन्य अस्पतालों में उपनल, पीआरडी व अन्य माध्यमों से 2200 कर्मचारी आउटसोर्स पर रखे गए थे। दून अस्पताल में सबसे अधिक छह सौ कर्मचारी इस दौरान आउटसोर्स पर रखे गए थे।

बीती 31 मार्च को अनुबंध खत्म होने के बाद इन कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया था, जिसके बाद से वह आंदोलनरत हैं। स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा के क्रम में विगत दिनों इन कर्मचारियों की बहाली की प्रक्रिया एक निजी आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से शुरू गई थी। लेकिन एजेंसी ने सिक्योरिटी राशि वसूलनी शुरू कर दी। जिस पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एजेंसी को नोटिस जारी किया था।

इसके बाद मामला फिर लटक गया। आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि शासन व स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से बहाली के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। स्टेट फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर यूनियन के अध्यक्ष संजय कोरंगा व महासचिव अभिषेक कैंतुरा का कहना है कि कई बार गुहार लगाने के बाद भी विभागीय अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। विभागीय मंत्री के आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है। कहा कि जब तक नौकरी से हटाए गए सभी कर्मचारियों की बहाली नहीं हो जाती है आंदोलन जारी रहेगा।