आनलाइन डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स की बढ़ी मांग, जानिए कौन से कोर्स कर सकते हैं आप

 

हाई डिमांडिंग कोर्स घर बैठे आनलाइन किए जा रहे हैं।

वर्ल्ड पीस इंस्टीट्यूट आफ यूनाइटेड नेशंस के भारत स्थित सेंटर के अध्यक्ष डा. तपन कुमार राउतराय ने बताया कि आनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे संस्थानों की अच्छी बात यह है कि शिक्षा की तरह की इनका एडमिशन प्रोसेस और फीस पेमेंट आदि की प्रक्रिया भी आनलाइन है।

 कोरोना संकट के बाद से स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में ही नहीं, बल्कि तमाम व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों में भी पढ़ाई के तौर-तरीकों में काफी बदलाव आ गया है। बड़े-बड़े कैंपस में बिखरे क्लासरूम की जगह अब कंप्यूटर और मोबाइल की स्क्रीन पर सिमटी आनलाइन कक्षाओं ने ले ली है। कोरोना काल के अनुभव के बाद अब बहुत से इंस्टीट्यूट आनलाइन एजुकेशन पर ही फोकस कर रहे हैं। व्यावसायिक एवं रोजगारपरक कोर्स में दाखिला लेने के इच्छुक स्टूडेंट्स भी अब आनलाइन माध्यम को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं। 

आनलाइन कोर्स क्यों हैं खास : अब भारत में भी छात्रों को तमाम तरह के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में घर बैठे दाखिला लेने और आनलाइन पढ़ाई करने करने की सुविधा हासिल हो गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित विदेशी संस्थान डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सों में आनलाइन दाखिले दे रहे हैं और डिजिटल पढ़ाई भी करवा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि स्टूडेंट्स को न सिर्फ घर बैठे अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्राप्त हो रही है, बल्कि उनके डिप्लोमा और सर्टिफिकेट की ग्लोबल वैल्यू होने की वजह से रोजगार के अवसर, उसका दायरा और इनकम भी बढ़ रही है।

कौन से कोर्स कर सकते हैं: आज के समय में घर बैठे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और आस्ट्रेलिया जैसे देशों के प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों के डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स आनलाइन शिक्षा के माध्यम से पूरे किए जा सकते हैं। अब मैनेजमेंट, बिजनेस, बैंकिंग, अकाउंटिंग, फाइनेंस, ला, नर्सिंग, जर्नलिज्म, मार्केटिंग, रिटेल और हास्पिटैलिटी जैसे हाई डिमांडिंग कोर्स घर बैठे आनलाइन किए जा रहे हैं। इन कोर्सेस में पढ़ाने का तरीका न सिर्फ आधुनिक और वैज्ञानिक है, बल्कि सुविधाजनक भी है। इससे छात्रों के समय के साथ-साथ पैसों की भी बचत होती है।

कैसे होती है आनलाइन पढ़ाई : कंप्यूटर आधारित परीक्षा और वर्चुअल क्लासरूम सुविधाएं शिक्षार्थियों और शिक्षकों के बीच की दूरी को खत्म कर पढ़ाई को आसान बनाती हैं। छात्रों को कंप्यूटर आधारित असाइनमेंट सबमिशन, कंप्यूटर आधारित परीक्षा शेड्यूलिंग, डाउट क्लेरिफिकेशन, व्यक्तिगत सहायता और काउंसलिंग सेशंस की सुविधा प्रदान की जाती है। उनकी मदद के लिए उपयोगी अध्ययन सामग्री दी जाती हैं, जो इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स की टीम द्वारा डिजाइन किया जाता है।

शिक्षा के साथ मदद एवं मार्गदर्शन भी: वर्ल्ड पीस इंस्टीट्यूट आफ यूनाइटेड नेशंस के भारत स्थित सेंटर के अध्यक्ष डा. तपन कुमार राउतराय ने बताया कि आनलाइन शिक्षा के बारे में उनके आफिशियल पोर्टल्स से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। कई बड़े संस्थान इंस्‍टालमेंट में फीस भरने की सुविधा देने के साथ-साथ अनुदान के तौर पर कई तरह की स्‍कालरशिप भी देते हैं, जिससे छात्रों को कम खर्च में अंतरराष्ट्रीय स्तर की व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है। डिस्टेंस लर्निंग एजुकेशन के कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के सेंटर भारत में मौजूद हैं। ये सेंटर अपने मूल संस्थान से को-आर्डिनेशन बनाकर स्थानीय छात्रों को कई तरह की मदद और गाइडेंस भी मुहैया कराते हैं।