द्विपक्षीय रिश्तों का भावी एजेंडा बनाने में जुटे भारत व ईरान, नई दिल्ली की यात्रा पर आ रहे हैं विदेश मंत्री होसैन

 

ईरान के विदेश मंत्री होसैन और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की फाइल फोटो

India and Iran Relation भारत का मानना है कि यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उसके द्वारा निर्मित चाबहार पोर्ट की अहमियत पहले से भी बढ़ गई है। यूरोपीय देशों में भारत व एशिया से माल पहुंचाने में यह पोर्ट काफी अहम साबित हो सकता है।

 ब्यूरो, नई दिल्ली। यूरोप में विदेश मंत्री एस जयशंकर की तरफ से ईरान पर लगे तेल प्रतिबंध को हटाने की सार्वजनिक अपील के कुछ ही घंटे बाद ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अबदुल्लाहियन के भारत यात्रा पर आने की जानकारी मिली है। विदेश मंत्री होसैन ईरान की नई सरकार के विदेश मंत्री हैं और उनके जनवरी, 2022 में ही भारत आने की तैयारी हो गई थी लेकिन भारतीय विदेश मंत्री को कोरोना होने की वजह से यह यात्रा टल गई थी। होसैन की यात्रा के दौरान दोनो देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों के नए एजेंडे पर काम शुरु किये जाने की संभावना है।

ईरान वर्ष 2018 तक भारत का एक महत्वपूर्ण तेल आपूर्तिकत्र्ता देश रहा है। अमेरिकी प्रतिबंध की वजह से भारत ना तो ईरान से तेल नहीं खरीद पा रहा है और ना ही वहां की गैस फील्ड में भारी-भरकम निवेश करने की भारतीय कंपनियों की योजना ही आगे बढ़ पा रही है। पिछले वर्ष तेहरान में नई सरकार के गठन के तुरंत बाद ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो बार वहां की यात्रा की थी। दोनो देशों के विदेश मंत्रियों की भावी वार्ता में मौजूदा प्रतिबंधों के बावजूद भी किस तरह से इनर्जी क्षेत्र में रिश्तों को आगे बढ़ाया, इस बारे में बातचीत होगी। इसके साथ ही चाबहार बंदरगाह के विकास को लेकर भी दोनो देशों के बीच बातचीत होगी।

भारत का मानना है कि यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उसके द्वारा निर्मित चाबहार पोर्ट की अहमियत पहले से भी बढ़ गई है। यूरोपीय देशों में भारत व एशिया से माल पहुंचाने में यह पोर्ट काफी अहम साबित हो सकता है। इसी तरह से होसैन की यात्रा के दौरान जो बातचीत होगी उसमें अफगानिस्तान भी एक बड़ा मुद्दा होगा। अफगानिस्तान को लेकर दोनो देशों की एक समान चिंताएं हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों को इस बात की सूचना है कि अफगानिस्तान से मादक द्रव्यों को ईरान के चाबहार व बंदरअब्बास बंदरगाह के रास्ते देश के पश्चिमी तट पर पहुंचाने की कोशिश हो रही है।

भारत चाहता है कि उसके द्वारा निर्मित चाबहार बंदरगाह से मादक द्रव्यों के गैर कानूनी कारोबार को रोकने के लिए ईरान सरकार की तरफ से और पुख्ता कदम उठाए जाएं। 27 मई, 2022 को दुशांबे में अफगानिस्तान पर एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने गये भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की ईरान के अधिकारियों से इस बारे में बात हुई है।