Delhi-NCR Coal Ban राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में औद्योगिक अनुप्रयोगों में सालाना लगभग 1.7 मिलियन टन कोयले का उपयोग किया जाता है। इसमें अकेले छह प्रमुख औद्योगिक जिलों में लगभग 1.4 मिलियन टन की खपत होती है ।
नई दिल्ली surender Aggarwal। Delhi-NCR Coal Ban: प्रदूषण से जंग में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक बड़ा फैसला लिया है। एक जनवरी 2023 से पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में औद्योगिक, घरेलू और अन्य अनुप्रयोगों में कोयले के उपयोग पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि थर्मल पावर प्लांटों में कम सल्फर वाले कोयले के इस्तेमाल पर प्रतिबंध से छूट दी गई है।
थर्मल पावर प्लांटों में कम सल्फर वाले कोयले के इस्तेमाल पर दी गई है प्रतिबंध से छूट
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में औद्योगिक अनुप्रयोगों में सालाना लगभग 1.7 मिलियन टन कोयले का उपयोग किया जाता है। इसमें अकेले छह प्रमुख औद्योगिक जिलों में लगभग 1.4 मिलियन टन की खपत होती है।
पीएनजी के बुनियादी ढांचे वाली आपूर्ति में होगा
लागू
एक आदेश में सीएक्यूएम ने कहा है कि कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध एक अक्टूबर से पीएनजी के बुनियादी ढांचे और आपूर्ति वाले क्षेत्रों में लागू होगा, जबकि एक जनवरी, 2023 से उन क्षेत्रों में लागू होगा जहां पीएनजी आपूर्ति अभी भी उपलब्ध नहीं है। आयोग के मुताबिक, "पूरी तरह से, ईंधन के रूप में कोयले के उपयोग पर 1 जनवरी, 2023 से पूरे एनसीआर में प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।"
स्थायी समाधान खोजने के लिए आमंत्रित किए गए थे सुझाव
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आयोग ने पहले दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए आम जनता और क्षेत्र के विशेषज्ञों से सुझाव आमंत्रित किए थे। कोयले पर प्रतिबंध लगाने को लेकर बड़ी संख्या में सुझाव दिए गए।
सुझाव और प्रस्ताव पर जांच के लिए बने विशेषज्ञ समूह
सीएक्यूएम ने ऐसे सभी सुझावों और प्रस्तावों की जांच करने और उन पर विचार करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया। अपनी रिपोर्ट में, विशेषज्ञ समूह ने कोयले जैसे भारी प्रदूषणकारी जीवाश्म ईंधन को समाप्त करने और यथासंभव स्वच्छ ईंधन को अनिवार्य करने की भी जोरदार सिफारिश की।