सत्येंद्र जैन की हिरासत को लेकर वकील कपिल सिब्बल और राजू में हुई जमकर बहस, पढ़ें पूरी बातें

 

कोर्ट के आदेश के बाद सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया गया है।

Satyendra Jain News विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पांच दिन की हिरासत की स्वीकृति दे दी। मामले में अगली सुनवाई 13 जून को होगी।इस दौरान कोर्ट में दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई।

नई दिल्ली surender Aggarwal । दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की ईडी हिरासत को लेकर कोर्ट में दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई। हालांकि, राउज एवेन्यू कोर्ट ने 13 जून तक के लिए हिरासत की मंजूरी दे दी है। मनी लांड्रिंग मामले में विगत 30 मई की रात जैन को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया गया है।

राम मनोहर लोहिया अस्तपाल में भर्ती

कोर्ट के आदेश के बाद जैन की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। बेचैनी की शिकायत होने पर उन्हें हिरासत में ही राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया। दस दिन की ईडी हिरासत पूरी होने के बाद बृहस्पतिवार को जैन को कोर्ट में पेश किया गया था। इस बीच, जैन की ओर से बृहस्पतिवार को ही राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत की अर्जी भी दाखिल की गई है।

ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने सत्येंद्र जैन व उनके करीबियों के ठिकानों पर पिछले दिनों छापेमारी के बाद बरामद नकदी, सोने के सिक्के और दस्तावेजों के बारे में पूछताछ करने के आधार पर जैन की हिरासत पांच दिन बढ़ाने की मांग की। वहीं, जैन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पूछताछ के तरीके और ईडी के जांच के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि जांच एजेंसी केवल परेशान करने के लिए हिरासत की मांग कर रही है। जैन को डिस्पेप्सिया समेत कई बीमारियां हैं। उन्हें कोरोना भी हुआ था और वह ईडी के जांच के तरीके से परेशान हैं। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पांच दिन की हिरासत की स्वीकृति दे दी। मामले में अगली सुनवाई 13 जून को होगी।

रिमांड के बाद हुई छापेमारी पर...

एसवी राजू: रिमांड के बाद ईडी ने लाला शेर सिंह मेमोरियल ट्रस्ट के आठ परिसरों की तलाशी ली। जैन इस ट्रस्ट के अध्यक्ष थे। छापेमारी में ईडी को 2.85 करोड़ की नकदी, 1.8 किलो सोना और कई दस्तावेज मिले हैं।

कपिल सिब्बल: ईडी ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2015 से 2017 के बीच 1.7 करोड़ की नकदी को भूमि और कंपनी शेयरों के रूप में परिवर्तित किया गया। ईडी का दावा है कि हवाला के जरिये नकदी दी गई और वैध शेयरों में बदल दी गई। इससे स्वर्ण आभूषणों का क्या लेना-देना है।

जांच के तरीके पर....

सिब्बल: ईडी मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच पूरी कर चुकी है, उसका काम सिर्फ मनी लांड्रिंग की जांच करना है। उसका अधिकार क्षेत्र आय से अधिक संपत्ति की जांच का नहीं है। ईडी मनी लांड्रिंग के मामले से आगे नहीं जा सकता।

एसवी राजू: पूछताछ के दौरान जैन ने लाला शेर सिंह मेमोरियल ट्रस्ट में शामिल होने की बात से इन्कार किया है, जबकि उनकी पत्नी और वह खुद इस ट्रस्ट में शामिल हैं। इसके साथ ही सत्येंद्र जैन के रिश्तेदार वैभव जैन और अंकुर जैन उनके बेनामीदार हैं। ऐसे में कितनी रकम की मनी लांड्रिंग हुई है, यह जांच की जानी है। आशंका है कि अब भी रकम का लेन-देन किया जा रहा है।

एसवी राजू: जैन पूछताछ में ईडी का सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने पूछताछ के दौरान लाला शेर सिंह मेमोरियल ट्रस्ट से जुड़े होने की बात से इन्कार किया था, जबकि दस्तावेजों में वह ट्र्स्ट के अध्यक्ष हैं। ईडी को बीते दिनों की गई छापेमारी से मिले दस्तावेजों को जैन के सामने रखकर पूछताछ करनी है, इसके लिए पांच दिन की हिरासत चाहिए।

कपिल सिब्बल: ईडी को नौ जून तक के लिए हिरासत दी गई थी। इसके बावजूद उन्हें पांच दिन की हिरासत और चाहिए। ईडी ने हिरासत में दिए गए समय का इस्तेमाल नहीं किया है। ईडी केवल परेशान करने के लिए हिरासत की मांग कर रही है। जैन लगातार जांच में सहयोग करते रहे हैं और सभी दस्तावेज भी मुहैया कराए हैं। ईडी जबरदस्ती गुनाह कुबूल कराना चाहती है।

ईडी ने वर्ष 2017 में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, उनके पारिवारिक सदस्य अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन व वैभव जैन के खिलाफ प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसमें सत्येंद्र जैन पर आरोप था कि उन्होंने वर्ष 2015 से 2017 के बीच अज्ञात स्रोतों से हुई आय से अपने और स्वजनों के नाम पर जमीन की खरीदारी की थी। इस मामले में उनपर करीब 4.81 करोड़ रुपये शेल कंपनियों में लगाने का आरोप है।