Nupur Sharma controversyशिक्षाविद् व इतिहासकार फिरोजबख्त अहमद और राष्ट्रीय इमाम संघ के मुख्य इमाम डा. उमेर अहमद इलियासी ने देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर गहरी चिंता जताई है और आगाह किया है कि कट्टरपंथियों के बहकावे में नहीं आएं।
नई दिल्ली Anuradha Aggarwal। देश में हो रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शनों को लेकर कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवी और धर्मगुरु चिंतित हैं। वे खासकर मुस्लिम समुदाय को चेताने की कोशिश कर रहे हैं कि कुछ कट्टरपंथियों के हाथों में खेलने का परिणाम घातक हो सकता है। उनका कहना है कि अब तक शांत बैठे हिंदू समाज के धैर्य की प्रतीक्षा न ली जाए। अन्यथा हालात और खराब हो जाएंगे। इसलिए, समझदारी इसी में है कि किसी भी समस्या का हल मिल बैठकर निकाला जाए। साथ ही कानून का भी पालन किया जाए।
राष्ट्रीय इमाम संघ के मुख्य इमाम डा. उमेर अहमद इलियासी ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों से तनाव बढ़ रहा है। इससे देश की छवि भी धूमिल हो रही है। उन्होंने शांति की अपील करते हुए कहा कि इस देश की पहचान ही शांति और आपसी भाईचारा है, इसलिए दंगा फसाद को छोड़ लोग अमन से रहें।
शिक्षाविद् व इतिहासकार फिरोजबख्त अहमद ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी, अरशद मदनी, महमूद मदनी व तौकीर रजा खान के साथ ही कई ऐसे धार्मिक नेता हैं जो देश के मुसलमानों को बरगला कर उन्हें हिंसा की आग में झोंकने की कोशिश कर रहे हैं। इस साजिश को देश के भीतर और बाहर दोनों स्थानों से अंजाम दिया जा रहा है। ये अतिवादी लोग युवाओं को ढाल बनाकर सड़क पर उपद्रव करा रहे हैं। ऐसे में मासूम युवा पुलिस की गोलियों के शिकार हो रहे हैं।
इन नेताओं में यदि हिम्मत है तो खुद सड़क पर उतरें, लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि देश का 99 प्रतिशत हिंदू शांति प्रिय है। मुस्लिम समाज को उसकी धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। अन्यथा हालात और बिगड़ जाएंगे। उन्होंने इस मामले में जमात उलेमा-ए-हिंद की सराहना की। कहा कि इसी तरह की पहल अन्य संगठनों और लोगों को भी करनी चाहिए।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक अफजाल अहमद ने अंदेशा जताया कि हिंसक प्रदर्शन के पीछे अंतरराष्ट्रीय शक्तियां काम कर रही हैं। ऐसे में हमें विवेक से रास्ता निकालना होगा। मिल बैठकर किसी भी विवाद का हल निकालना चाहिए, इंसानियत के रास्ते पर चलने का प्रयास होना चाहिए।