दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में परिपत्र जारी करते हुए कुल 48 अतिथि शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है जो दिल्ली के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों की कक्षाएं लेंगे। ये शिक्षक प्राथमिक व माध्यमिक स्तर के आधार पर नामांकित कैदियों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाएंगे।
नई दिल्ली Anuradha Aggarwal । राजधानी के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षक अब छात्रों के साथ-साथ कैदियों के भी गुरु बनेंगे। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में परिपत्र जारी करते हुए कुल 48 अतिथि शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है, जो दिल्ली के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों की कक्षाएं लेंगे। ये शिक्षक प्राथमिक व माध्यमिक स्तर के आधार पर नामांकित कैदियों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाएंगे। इसके साथ ही उन्हें अक्षर और अंक के ज्ञान के साथ-साथ खेल और अन्य तकनीक का ज्ञान भी देंगे।
अस्थाई लगी है ड्यूटी
इसके लिए निदेशालय ने कुल 32 टीजीटी शिक्षक हिंदी, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान पढ़ाने और 16 खेल (पीईटी) शिक्षकों को शारीरिक शिक्षा की कक्षाएं लेने के लिए नियुक्त किया है। निदेशालय ने इस संबंध में सभी प्रधानाचार्यों को परिपत्र जारी करते हुए कहा कि शिक्षकों की ये ड्यूटी अस्थाई है। इसके खत्म होते ही अतिथि शिक्षकों को अपने संबंधित स्कूल में वापस लौटना पड़ेगा।
बीते एक माह से नियमित शिक्षक ले रहे थे कक्षाएं
लोकतांत्रिक अध्यापक मंच के अध्यक्ष कृष्ण कुमार फोगाट ने बताया कि अप्रैल माह के दौरान निदेशालय ने इस कार्य के लिए नियमित शिक्षकों की ड्यूटी लगाई थी। लेकिन, स्कूली छात्रों की कक्षाओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा निदेशक से नियमित शिक्षक को इस ड्यूटी से कार्यमुक्त करने की मांग की थी। इसके बाद जून माह में निदेशालय ने नियमित शिक्षकों की जगह अतिथि शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है।
अपराध की दुनिया छोड़ने के लिए किया जाता है जागरुक
अतिथि शिक्षकों ने बताया कि जेल में बंद कम उम्र के दोषी और विचाराधीन कैदियों को वो उनकी उम्र और कक्षा के स्तर के आधार पर पाठ पढ़ाते हैं। इसमें वो शिक्षा में आए अंतर को पाटने की कोशिश करते हैं। साथ ही उनको अपराध की दुनिया को छोड़कर शिक्षा की ओर बढ़ने के लिए जागरुक करते हैं। शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद कुछ कैदियों के व्यवहार में भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
होगा फायदा
शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए अतिथि शिक्षकों से सभी कैदियों को अत्यधिक लाभ होगा। यहां पर शिक्षक सप्ताह में दो दिन कैदियों को पढ़ाने आते हैं। फिलहाल सभी जेलों में कुल 19500 कैदी हैं। इनमें से 18 हजार विचाराधीन और 1500 दोषी कैदी हैं। 90 प्रतिशत से अधिक विचाराधीन कैदी इन कक्षाओं से जुड़े हैं। माध्यमिक शिक्षा के लिए लगभग 366 कैदियों, प्राथमिक शिक्षा के लिए लगभग 577 कैदियों, खेल शिक्षा के लिए 678 कैदियों और तकनीकी शिक्षा के लिए 428 कैदियों ने नामांकन किया है।
संदीप गोयल, महानिदेशक, तिहाड़ जेल