अनाथ बच्चों को ऋण वसूली नोटिस मामले में सीतारमण ने किया हस्तक्षेप, जानें- क्या है पूरा मामला

 

कानूनी कार्रवाई की धमकी से परेशान नाबालिग वनिशा व विवान पाठक (फाइल फोटो)

भोपाल में कोरोना से अनाथ हुए 2 बच्चों से मकान ऋण वसूली की नोटिस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संज्ञान लिया। इसके बाद एलआईसी के अधिकारियों ने ऋण वसूली की कार्रवाई नहीं करने और 2023 तक बकाया पर किसी तरह का दंड नहीं लगाने का आश्वासन दिया।

भोपाल। मकान ऋण वसूली के नोटिसों और कानूनी कार्रवाई की धमकी से परेशान नाबालिग वनिशा व विवान पाठक को कुछ वर्ष की राहत मिल गई है। सोमवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) के स्थानीय अधिकारी दोनों बच्चों से मिलने भोपाल के शिवाजी नगर स्थित उनके मामा के घर पहुंचे और बच्चों के बालिग होने तक ऋण वसूली की कार्रवाई नहीं करने और 2023 तक बकाया पर किसी तरह का दंड नहीं लगाने का आश्वासन दिया।

वनिशा ने लोन माफ करने के लिए सरकार से लगाई गुहार

जितेंद्र पाठक की बेटी वनिशा ने मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन के साथ एलआइसी अधिकारियों से ऋण माफ करने की गुहार लगाई है। उसका कहना है कि उसके पास आय का कोई जरिया नहीं है। यदि एलआइसी घर नीलाम कर देता है तो रहने के लिए कुछ भी नहीं बचेगा। हालांकि, राज्य सरकार ने कोरोना राहत के नाम पर दोनों बच्चों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी थी। हर महीने उनकी परवरिश के लिए सरकार की ओर से पांच-पांच हजार रुपये भी दिए जा रहे हैं।

किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं जा जाएगा

एलआइसी ने आश्वासन दिया है कि किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं जा जाएगा और न ही बच्चों से कोई पूछताछ की जाएगी। बच्चों को पूरी तरह अपने पैरों पर खड़े होने तक का समय दिया जाएगा। - अविनाश लवानिया, कलेक्टर. भोपाल।

बच्चों को कोई नोटिस नहीं भेजा जाएगा

होम लोन की किस्त को लेकर बच्चों को कोई नोटिस नहीं भेजा जाएगा। इनके पिता का कुछ पैसा एलआइसी की पालिसी में जमा है। उसी से लोन की पूर्ति की जाएगी। हालांकि, इससे कारपोरेट कार्यालय को भी अवगत कराया गया है। यदि वहां से लोन माफ करने या अन्य किसी प्रकार का निर्देश आता है तो उसका पालन किया जाएगा। - रपेंद्र सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक, एलआइसी।