दिग्विजय सिंह बोले-प्रतिशोध की भावना से काम कर रही सरकार, दिल्ली में जुटेंगे एआइसीसी सदस्य

 

दिग्विजय सिंह बोले, प्रतिशोध की भावना से काम कर रही सरकार, दिल्ली में जुटेंगे एआइसीसी सदस्य

National Herald Case कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मनी लांड्रिंग का मामला तब दर्ज होता है जब काले धन को ठिकाने लगाया गया हो। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड की देनदारी चुकाने के लिए राशि दी थी। जिसका पूरा लेखा-जोखा है।

भोपाल। National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर प्रतिशोध की भावना से काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मनी लांड्रिंग का मामला तब दर्ज होता है, जब काले धन को ठिकाने लगाया गया हो। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड की देनदारी चुकाने के लिए राशि दी थी। जिसका पूरा लेखा-जोखा है, आडिट भी हुआ है। दिग्विजय सिंह रविवार को भोपाल में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मामले में शिकायतें होने पर चुनाव आयोग ने भी कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में ऐसा कोई प्रविधान नहीं है, जो राजनीतिक दल द्वारा खर्च को प्रतिबंधित या नियंत्रित करता हो। 

कहा-सुब्रमण्यम स्वामी के आरोप गलत

उन्होंने बताया सोमवार को सभी एआइसीसी सदस्य दिल्ली में इकठ्ठा हो रहे हैं। जहां विरोध की रणनीति तय होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के आरोप गलत हैं। जब वे इस मामले में न्यायालय गए थे, तो सुनवाई पर क्यों नहीं पहुंचे। दिग्विजय सिंह ने कहा कि गांधी परिवार के किसी सदस्य ने एक पैसा नहीं लिया है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस इस तरह के हमलों ने नहीं डरेगी।

नुपुर शर्मा मामले में कही ये बात

दिग्विजय सिंह ने भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान पर कहा कि जब यह बयान सामने आया था, हमने तभी कहा था कि यह गलत है, पर तब भाजपा ने हमारी बात को गंभीरता से नहीं लिया। अब खाड़ी देशों में विरोध शुरू हुआ, दबाव बना, तो कार्रवाई की गई। इससे दूसरे देशों में भारत की छवि खराब हुई है।

बुलडोजर संस्कृति पर प्रहार

दिग्विजय सिंह ने विभिन्न मामलों के आरोपितों के मकान तोड़ने पर भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश में बुलडोजर संस्कृति चल पड़ी है। उन्होंने कहा कि किसी भी संविधान में यह नहीं लिखा है। जिसने अपराध किया है, उसे सजा दो, पर उसके पूरे परिवार को सजा क्यों?