सत्येंद्र जैन के एक बयान पर कुमार विश्वास ने कसा तंज, पढ़कर हंसी नहीं रोक पाएंगे आप

 

कुमार विश्वास ने सत्येंद्र जैन के एक बयान पर मजेदार टिप्पणी की है।

सोमवार को सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एक आवेदन दायर किया जिसमें कहा गया कि मामले के संबंध में जांच के तहत हवाला आपरेटरों ने अपने जीवन के लिए खतरा होने की बात कही है।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। मनी लांड्रिंग मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ईडी की हिरासत में है। अब उनके मामले में फैसला 18 जून को आएगा। उनके मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रही है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट शनिवार को 12 बजे फैसला सुनाएगा कि सत्येंद्र जैन को जमानत मिलेगी या नहीं?

इस बीच ईडी ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से जो सवाल-जवाब किए उनमें से कुछ मीडिया के सामने भी आ गए हैं, फिलहाल ये इंटरनेट मीडिया पर वायरल है। इन्हीं सवाल-जवाबों को पढ़ने के बाद कवि कुमार विश्वास ने भी एक रोचक ट्वीट किया है। इस ट्वीट को पढ़ने के बाद हर किसी के चेहरे पर मुस्कान आ ही जाती है। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट से एक टीवी चैनल की स्टोरी को रिटवीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि भारत-रत्न ☺️🙏

'हवाला के पेपर देख बोले मंत्री जी- कोरोना से मेरी याददाश्त चली गई', ED से बोले सत्येंद्र जैन।जमानत पर 18 जून को फैसला

इससे पहले मंगलवार को ठीक 11 बजे सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू हुई। प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से एडिशनल सालिसिटर जनरल एसबी राजू और सत्येंद्र जैन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिहरन ने अपना-अपना पक्ष रखा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह याचिका 9 जून को दाखिल की गई थी, लेकिन इस पर सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी थी।

सत्येंद्र जैन के वकील का पक्ष

एन हरिहरन का कहना है कि सत्येंद्र जैन लगातार 13 दिनों से रिमांड पर हैं। जांच में सहयोग कर रहे हैं। उनके भागने या फरार होने की संभावना नहीं है। इसके अलावा ईडी ने दस्तावेज पहले ही जब्त कर लिए हैं ऐसे में उन से छेड़छाड़ की संभावना भी नहीं है। तीनों कंपनियों से संबंध ईडी की पूछताछ के दायरे में नहीं है। यदि कोई व्यक्ति 20% से अधिक शेयरों का धारक है या वह बोर्ड का सदस्य है। ऐसे में मैं प्रथम दृष्टया दोषी नहीं हूं। दूसरा ट्रस्ट जिंदल ट्रस्ट है जिससे उन्होंने उपाध्यक्ष के रूप में इस्तीफा दे दिया और 2005 - 09 से सदस्य थे।

ईडी का पक्ष

एएसजी राजू ने कहा कि जब हम इस मामले की जांच कर रहे थे जिसमें नकदी को वैध बनाना शामिल है और नकदी को वैध और उपयोग में लाया जाता है। जब हम जांच कर रहे थे तो हमें लाला शेर सिंह ट्रस्ट के संबंध में इसी तरह के लेन-देन का पता चला। जब हमने उनसे पूछा तो उन्होंने यह नहीं कहा कि वह शेर सिंह ट्रस्ट से संबंधित हैं, हमने स्पष्ट रूप से उनसे उस ट्रस्ट के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने ट्रस्ट के बारे में कभी नहीं सुना। 10 जून को एक दस्तावेज सामने आया जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वह ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।

वैभव जैन और अंकुश जैन सत्येंद्र जैन के बेनामीदार थे जब सत्येंद्र जैन ने एक कंपनी छोड़ी तो अंकुश जैन के शेयर में वृद्धि हुई थी। वैभव जैन के अंजान होने की बात गलत है। इस मामले में कोई जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा सकता है। इस संज्ञेय अपराध में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

बताया जा रहा है कि सोमवार को सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एक आवेदन दायर किया, जिसमें कहा गया कि मामले के संबंध में जांच के तहत हवाला आपरेटरों ने अपने जीवन के लिए खतरा होने की बात कही है और आरोप लगाया है कि सत्येंद्र जैन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और सबूतों के टुकड़ों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश कर सकते हैं। बहरहाल स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 27 जून तक तिहाड़ जेल में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे गए हैं।