दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की शिकायत पर 'लेयर शॉट' विज्ञापन मामले में केस दर्ज

 

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल। फाइल फोटो।

दिल्ली पुलिस द्वारा आयोग को सूचित किया गया है कि स्वाति मालीवाल की शिकायत पर स्पेशल सेल नई दिल्ली में आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और मामले की जांच की जा रही है।

नई दिल्लीAnuradha Aggarwal । दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की शिकायत पर हाल ही में मीडिया में प्रदर्शित 'लेयर शॉट' परफ्यूम ब्रांड द्वारा महिलाओं के प्रति गलत विज्ञापन के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। उक्त विज्ञापन की बातें अशोभनीय थी।

सही नहीं है भाषा

इसी ब्रांड के एक अन्य विज्ञापन में चार लड़के एक स्टोर में एक लड़की का पीछा करते दिखते हैं। इसमें भी जो भाषा इस्तेमाल की गई है वह समाज की मर्यादा के खिलाफ थी। दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने 'दुष्कर्म मानसिकता' को बढ़ावा देने वाले उक्त विज्ञापन का संज्ञान लिया था और 04 जून, 2022 को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर मामले में कार्रवाई की मांग की थी।

दिल्ली पुलिस ने जांच की शुरू

इस संदर्भ में दिल्ली पुलिस द्वारा आयोग को सूचित किया गया है कि स्वाति मालीवाल की शिकायत पर स्पेशल सेल, नई दिल्ली में आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और मामले की जांच की जा रही है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखकर मामले में उनके हस्तक्षेप की मांग भी की थी। आयोग के पत्र के बाद मंत्रालय ने यह सुनिश्चित किया कि विज्ञापन को प्रचलन से हटा दिया जाए।

विज्ञापन बनाने वाले पर हो शख्स कार्रवाई

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “मेरी शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की है। मुझे उम्मीद है कि लेयर शॉट कंपनी के मालिकों के साथ-साथ टीवी पर इस अपमानजनक विज्ञापन को बनाने और प्रकाशित करने में शामिल लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो स्पष्ट रूप से विषाक्त पुरुषत्व और सामूहिक दुष्कर्म को प्रोत्साहित करता है। इसके अलावा, मुझे आशा है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा कड़ी व्यवस्था बनायीं गयी है ताकि इस तरह का विज्ञापन टीवी पर फिर कभी नहीं चलाया जा सके। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए इस मामले में कठोर कार्रवाई की जरूरत है।"