पाकिस्तान में अब सिविल नौकरियों की निगरानी करेगी सेना

 

इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को आधिकारिक तौर पर स्पेशल वेटिंग एजेंसी (SVA) का नाम दिया गया है। (फोटो-एएनआइ)

सेना की शक्तिशाली खुफिया शाखा इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को आधिकारिक तौर पर स्पेशल वेटिंग एजेंसी (SVA) का नाम दिया गया है। आशंका है कि अधिक से अधिक सैन्य कर्मियों सेवारत और सेवानिवृत्त जिनकी पहले से जांच की जा रही है को नागरिक सेवाओं के लिए प्राथमिकता दी जा सकती है।

इस्लामाबाद एएनआइ। पाकिस्तान में सेना को अब आधिकारिक तौर पर सरकार में प्रमुख नागरिक नियुक्तियों और नियुक्तियों की देखरेख का काम सौंपा गया है। सेना की शक्तिशाली खुफिया शाखा इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को आधिकारिक तौर पर स्पेशल वेटिंग एजेंसी (SVA) का नाम दिया गया है। जो पहले इस कार्य को करने वाले नागरिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को भी मात दे देगी। बता दें कि यह सेना प्रमुख सहित सभी नियुक्तियों में कार्यपालिका की शक्तियों को कम करने का काम करता है।सेना के दबदबे का पता चलता है। पाकिस्‍तान में कोई भी सत्‍ता प्रतिष्‍ठान या राजनीतिक दल सेना को दरकिनार कर नहीं चल सकता है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना न सिर्फ यह तय करती है कि उसका अगला प्रमुख कौन होगा, बल्कि समस्त सरकारी कार्यों में भी बड़ी भूमिका निभाती है। इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए विपक्ष द्वारा जब मोर्चा खोला गया तो सेना तटस्थ हो गई थी, लेकिन माना जा रहा है कि अब वह यू टर्न लेती हुई खेल में वापसी का मन बना चुकी है। जर्जर अर्थव्यवस्था व बढ़ती महंगाई भी सेना के लिए चिंता का विषय है। जिसके कारण अब पाकिस्तानी सेना ही सिविल नौकरियों की निगरानी का जिम्मा उठाती नजर आएगी।