एक जिम्मेदार व सशक्त माध्यम के रूप में उभरा दूरदर्शन और रेडियो

 

दूरदर्शन भी सबका प्रयास और सबका विकास का मंच बन गया (फाइल फोटो)

वेम्पटि का कहना है कि प्रधानमंत्री के निर्देश के अनुसार दूरदर्शन के दायरे में काफी विस्तार हुआ है। 2017 में उपग्रह चैनलों की संख्या 23 थी जो 2021 में बढकर 36 हो गई। कृषि के लिए एक समर्पित चैनल डीडी किसान लॉन्च किया गया था।

 ब्यूरो, नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी सरकार के आठ वर्षों में जब सुधार प्रशासन का केंद्र बिंदु रहा तो दूरदर्शन और आल इंडिया रेडियो भी इससे अछूता नहीं रहा। यूं तो हमेशा से देश की बड़ी जनसंख्या तक प्रसारण का एक बड़ा माध्यम रहा है कि लेकिन पिछले आठ वर्षों में डीडी फ्रीडिश डीटीएच की न सिर्फ पहुंच दोगुनी हो गई है बल्कि कोविड के संकटकाल में इसने बच्चों की पढ़ाई से लेकर मनोरंजन और जागरुकता की अलख जलाए रखी। प्रसार भारती के पूर्व सीइओ शशि शेखर वेम्पटि का मानना है कि आठ वर्षों में दूरदर्शन भी सबका प्रयास और सबका विकास का मंच बन गया।

पिछले दिनों में प्रसार भारती ने 1200 से अधिक अप्रचलित एनालॉग टेरेस्टि्रयल टीवी ट्रांसमीटर्स को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के साथ भारत में टेलीविजन प्रसारण में सबसे बड़ा सुधार किया है। इससे न केवल दूरदर्शन के खर्च में करोड़ों रुपये की बचत हुई है, बल्कि इसके कारण 5जी सेवाओं और ग्रामीण संचार सेवाओं के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण यूएचएफ स्पेक्ट्रम उपलब्ध हुआ है। डीडी फ्रीडिश डीटीएच लगभग साढ़े चार करोड़ परिवारों की सेवा करने वाले सबसे बड़े फ्री टू एयर सार्वजनिक प्लेटफॉर्म के रूप में उभरकर सामने आया है। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान जब स्कूल बंद थे, उस समय डीडी फ्रीडिश डीटीएच पर कई शैक्षिक टीवी चैनलों का प्रसारण किया गया था।

वेम्पटि का कहना है कि प्रधानमंत्री के निर्देश के अनुसार दूरदर्शन के दायरे में काफी विस्तार हुआ है। 2017 में, उपग्रह चैनलों की संख्या 23 थी, जो 2021 में बढकर 36 हो गई। कृषि के लिए एक समर्पित चैनल डीडी किसान लॉन्च किया गया था, जिसने प्राकृतिक खेती को एक जन आंदोलन बना दिया है। प्रसारण में भाषाई और क्षेत्रीय विविधता सुनिश्चित करने के लिए दूरदर्शन के सभी चैनलों को चौबीसों घंटे उपलब्ध कराया गया। रोचक तथ्य यह भी है कि दूरदर्शन का अंतरराष्ट्रीय अंग्रेजी समाचार चैनल डीडी इंडिया टीवी पहुंच के मामले में देश का नंबर एक अंग्रेजी समाचार चैनल बन गया है।

जनवरी 2019 में प्रसार भारती ने जिस अपेक्षा के साथ इसे शुरू किया था, उस पर खरा उतरते हुए डीडी इंडिया अब कोरिया, बांग्लादेश, मॉरीशस, मालदीव, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूके, कनाडा और 190 से अधिक देशों तक सैटेलाइट और ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए अपनी पहुंच के साथ दुनिया के लिए भारत की खिड़की बन गया है। कुछ ऐसा ही विस्तार रेडियो का भी हुआ। 2017 में 412 एफएम चैनल थे, जो 2021 में 514 हो गए। 2017 में 413 स्टेशन थे जो 2021 में बढ़कर 485 हो गए।