![देश ने सोमवार को कोरोना संक्रमण के मामले में तीन महीने में अपनी सबसे बड़ी छलांग दर्ज की।](https://www.jagranimages.com/images/newimg/06062022/06_06_2022-covid_cases_22778385.jpg)
बीते 24 घंटे में 1730 मामलों के साथ कोरोना के एक्टिव केस में बड़ी बढोतरी देखी गई। विशेषज्ञों ने कोविड मामलों के इस ट्रेंड को लेकर आगाह किया है। उनका कहना है कि मौजूदा वक्त में कोविड संबंधी जीनोम जांच बढ़ाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, एएनआइ। देश ने सोमवार को कोरोना संक्रमण
के मामले में तीन महीने में अपनी सबसे बड़ी छलांग दर्ज की। समाचार एजेंसी
एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक बीते 24 घंटे में 1,730 मामलों के साथ कोरोना
के एक्टिव केस में बड़ी बढोतरी देखी गई। भले ही महामारी की गंभीरता कम हो
लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा वक्त में कोविड संबंधी जीनोम जांच
बढ़ाने की जरूरत है। विशेषज्ञों की ओर से यह बात ऐसे वक्त में कही जा रही
है जब देश में ओमिक्रोन के BA4 और BA5 वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं।
डा. राकेश मिश्रा ने कहा कि यदि लोग बीमार पड़ते हैं, तो इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह कभी भी बड़ी समस्या की वजह बन सकता है। ऐसा भी हो सकता है, कोरोना का कोई एक नया संस्करण आ रहा हो। इस बात की भी संभावना है कि नए मामले एक संक्रामक कोविड वैरिएंट के कारण हो सकते हैं। हालांकि इसकी संभावना बेहद कम है लेकिन ऐसा संभव है। ऐसे में हमें जीनोम जांच को कम नहीं करना चाहिए। कोरोना के वैरिएंटों पर नजर रखने का यह बहुत महत्वपूर्ण तरीका है।
डा. राकेश मिश्रा ने जब तक जीनोम जांच नहीं की जाती तब तक हम नहीं जान पाएंगे कि कौन सा वैरिएंट आ रहा है। जो भी अस्पताल पहुंचता है और कोरोना पाजिटिव पाया जाता है। उसकी जीनोम जांच भी की जानी चाहिए। भले ही चौथी लहर की संभावना काफी कम है, लेकिन हमें सावधानी बरतनी चाहिए। मौजूदा वक्त में हम देख रहे हैं कि लोगों ने अधिक बेपरवाही के साथ बिना मास्क के आपस में मिलना जुलना और बातचीत करना शुरू कर दिया है। ऐसी लापरवाही वायरस को वापसी का मौका देती है।