सिर्फ कागजों में चल रही थी चीनी नागरिक की दो मोबाइल फैक्ट्री, जासूसी के शक में किया गया है अरेस्ट

 

Noida News: सिर्फ कागजों में चल रही थी चीनी नागरिक की दो मोबाइल फैक्ट्री

जासूसी के शक में पकड़े गए चीनी नागरिक के मामले में पुलिस ने बड़ा पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि दो चीनी नागरिकों को पनाह देने वाले चीनी नागरिक सु फाइ की दो मोबाइल फैक्ट्री सिर्फ कागजों में संचालित हो रही थी।

ग्रेटर नोएडा,  संवाददाता। इंडो नेपाल बार्डर पर पकड़े गए दो चीनी नागरिकों को पनाह देने वाले चीनी नागरिक सु फाइ की दो मोबाइल फैक्ट्री सिर्फ कागजों में संचालित हो रही थी। किसी दूसरी फैक्‍ट्री के पते पर फर्जी तरीके से जीएसटी नंबर लिया गया था। फैक्ट्री के पते पर लिए गए जीएसटी नंबर पर ही संचालित किया जा रहा था।

बता दें कि चीनी नागरिक के कब्जे से मिली बीएमडब्ल्यू कार भी फैक्ट्री के नाम पर पंजीकृत है। पब के अंदर स्पा भी संचालित किया जा रहा था। पानीपत के पते पर भी पुलिस को एक फैक्ट्री की जानकारी मिली है। अब पुलिस जल्द ही वहां जाकर भी फैक्ट्री का सत्यापन करेगी। पुलिस ने चीनी नौकरी का भारतीय दोस्त व उसके कारोबार में पार्टनर रवि कुमार नटवरलाल की तलाश तेज कर दी है। दो टीमें उसकी तलाश में गुजरात भेजी गई है।अंजान

देश की सुरक्षा में सेंध लगा रहे चीनी नागरिक सरकारी तंत्रों को धोखे में रखकर आसानी से जालसाजी कर रहे थे। चीनी नागरिक सु फाइ ने खुफिया एजेंसी की आंखों में धूल झोंक कर दोनों चीनी नागरिकों को 15 दिन तक ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग स्थानों पर रुकवाया था। 15 दिन तक दोनों चीनी नागरिक घरबरा गांव में पब में रुके रहे थे। पूरी रात चलता था पब। कई तरीके की शराब वहां परोसी जाती थी। आबकारी इंस्पेक्टर पीके दीक्षित की लापरवाही सामने आई है।

एक एक हफ्ते का दिया जाता था पब को लाइसेंस

यह नहीं देखा जाता था वहां जाकर कि क्या हो रहा है और कितने समय तक हो रहा है। आबकारी विभाग ने लाइसेंस जारी करने के बाद कभी मौके पर जाकर नहीं देखा। मामले में स्थानीय इकोटेक एक थाना पुलिस की भूमिका संदिग्ध है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले मंगलवार को पुलिस ने जासूसी के शक में पकड़े गए चीनी नागरिक सु फाइ के कब्जे से भारतीय पासपोर्ट बरामद किया था। पासपोर्ट में उसका नाम लाक्पा शेर्पा लिखा है। पश्चिम बंगाल राज्य के दार्जिलिंग जिले के पते पर पासपोर्ट बनाया गया है।

आरोपित भारतीय नाम रखकर खूफिया एजेंसियों को गुमराह कर रहा था। एलआइयू की नाकामी के चलते चीनी नागरिक तीन साल से देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहा था। इसके अलावा दार्जिलिंग के पते पर आधार कार्ड भी बना मिला है।