एनआइए कोर्ट ने आरोपी की लगातार तीसरी जमानत याचिका खारिज की

 

एनआइए कोर्ट ने आरोपी की लगातार तीसरी जमानत याचिका खारिज की (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कर्नाटक में आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या मामले में एनआइए कोर्ट ने एक आरोपी की लगातार तीसरी जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोपी एक नवंबर 2016 से हिरासत में है। उसने इससे पहले भी दो बार जमानत याचिक दायर की थी।

बेंगलुरु, पीटीआइ। बेंगलुरु की एक विशेष एनआइए अदालत (Special NIA Court) ने 2016 में आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या (RSS Worker Murder Case) के एक आरोपी आसिम शेरिफ (Asim Sheriff) की लगातार तीसरी जमानत याचिका खारिज कर दी। आसिम शेरिफ इस मामले में आरोपी नंबर पांच है और एक नवंबर 2016 से हिरासत में है।

'मेरे खिलाफ गवाही देने के लिए कोई नहीं है'

अपनी जमानत याचिका में आसिम ने तर्क दिया कि पिछले पांच वर्षों में 117 गवाहों में से केवल 19 ने गवाही दी है। वहीं, उसके खिलाफ गवाही देने के लिए चार्जशीट में कोई गवाह नहीं है। उसकी जमानत याचिका में कल्याण चंद्र सरकार के मामले (Kalyan Chandra Sarkar Case) का हवाला दिया गया था, जहां लगातार दलीलों के बाद आरोपी को जमानत दी गई थी।

अदालत ने आरोपी की दलीलों को किया खारिज

हालांकि विशेष अदालत ने आसिम की दलील को खारिज करते हुए कहा कि उद्धृत मामले में आरोपी ने नौवीं जमानत अर्जी दाखिल की थी। जबकि इस मामले में आरोपी नंबर 5 ने तीसरी बार जमानत की अर्जी दाखिल की है. इसलिए, यह निर्णय मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर उपयुक्त रूप से लागू नहीं होता है।

'जमानत के तर्क में कोई बल नहीं है'

इसके अलावा, कोर्ट ने कहा कि जमानत के तर्क में कोई बल नहीं था। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से माना है कि लगातार जमानत आवेदन केवल बदली हुई परिस्थितियों में ही बनाए रखने योग्य है, लेकिन उसी आधार पर नहीं।