गुप्ता बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर ED की रेड, मनी लान्ड्रिंग मामले में पंजाब, दिल्ली समेत 19 जगहों पर की कार्रवाई

 

गुप्ता बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर ED की रेड (फोटो: एएनआइ)

गुप्ता बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक देश छोड़कर भाग चुके हैं। उनपर सैकड़ों लोगों के साथ धोखाधड़ी के आरोप है। जीबीपी ग्रुप के डायरेक्टर्स पर अब तक 50 से ज्यादा शिकायतें कंज्यूमर कोर्ट में आ चुकी हैं।

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लान्ड्रिंग मामले में गुप्ता बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ छापेमारी की। ED की टीम ने चंडीगढ़, अंबाला, पंचकुला, मोहाली और दिल्ली समेत 19 स्थानों पर छापेमारी की। समाचार एजेंसी ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने छापेमारी के दौरान चल और अचल संपत्तियों, 85 लाख रुपये की अघोषित नकदी और एक आडी क्यू-7 कार से संबंधित विभिन्न दस्तावेजों को जब्त किया है।

ED ने कई ठिकानों पर मारा छापा

बता दें कि ED ने जिन स्थानों पर छापा मारा था। उनमें गुप्ता बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक सतीश गुप्ता, प्रदीप गुप्ता और उनके सहयोगी बाजवा डेवलपर्स लिमिटेड के परिसर शामिल हैं। इसके अलावा कुमार बिल्डर्स, विनमेहता फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड और उनके निदेशक जरनैल सिंह बाजवा, नवराज मित्तल और विशाल गर्ग और अन्य के आवास पर भी छापेमारी की गई। ED ने गुप्ता बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर मनी-लान्ड्रिंग की जांच शुरू की है।

घर खरीदारों और निवेशकों के साथ की धोखाधड़ी

आरोप है कि कंपनी ने अपने निदेशकों और सहयोगियों के माध्यम से घर खरीदारों और निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की और उन्हें फ्लैट, प्लाट और वाणिज्यिक इकाइयों को वितरित नहीं किया। साथ ही उन्होंने इस दौरान 325 करोड़ रुपये का गबन किया। मनी-लान्ड्रिंग की जांच में अन्य बातों के साथ यह भी पता चला है कि आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं के विकास के लिए होमबायर्स से प्राप्त धन को कंपनी के निदेशकों द्वारा अपने सहयोगियों और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत से निकाल दिया गया था।

बता दें कि जीपीबी ग्रुप के मालिक देश छोड़कर भाग चुके हैं। उनपर सैकड़ों लोगों के साथ धोखाधड़ी के आरोप है। जीबीपी ग्रुप के डायरेक्टर्स पर अब तक 50 से ज्यादा शिकायतें कंज्यूमर कोर्ट में आ चुकी हैं।