Delhi Water Crisis दिल्ली में जल संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है। इसका प्रभाव अब राष्ट्रपति भवन से लेकर प्रधानमंत्री आवास तक जा पहुंचा है। एनडीएमसी ने इसे लेकर दिल्ली जल बोर्ड को पत्र लिखकर चिंता जताई है।
नई दिल्ली, संवाददाता। राजधानी दिल्ली में जल संकट का प्रभाव राष्ट्रपति भवन से लेकर प्रधानमंत्री आवास तक जा पहुंचा है। इसे लेकर नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की है।
एनडीएमसी के पत्र के अनुसार, देखने में आ रहा है कि बीते कई दिनों से लुटियंस दिल्ली के विभिन्न इलाकों में जलापूर्ति कम हो रही है। साथ ही जो पानी डीजेबी द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है, वह भी पीने योग्य नहीं है। इसलिए इसमें सुधार की अपील एनडीएमसी ने जल बोर्ड के अधिकारियों से की है।
एनडीएमसी ने चंद्रावल और वजीराबाद के जल शोधन संयंत्र के अधिकारियों को पत्र में कहा है कि पानी की जो गुणवत्ता सप्लाई की जा रही है, उसमें पीला पानी है। जो मानकों के तहत पीने योग्य नहीं है। इसमें जल्द से जल्द सुधार किया जाए। एनडीएमसी के सदस्य कुलजीत चहल ने बताया कि 24 मई, दो जून और 11 जून सहित कई बार दिल्ली जल बोर्ड से पत्र व्यवहार किया गया है, लेकिन पानी की आपूर्ति ठीक नहीं हो रही।
एनडीएमसी 120 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) पानी की आवश्यकता है, लेकिन 70 एमएलडी तक ही आपूर्ति की जा रही है। साथ ही जो पानी की आपूर्ति की जा रही है, वह काफी पीला है। जिससे लोगों को दिक्कतें हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन इस संबंध में उन्हें विभिन्न माध्यमों से शिकायत कर रही है।
उल्लेखनीय है कि एनडीएमसी इलाके में जलापूर्ति एनडीएमसी द्वारा स्वयं की जाती है। इसके लिए एनडीएमसी दिल्ली जल बोर्ड से पानी लेता है। मामले पर दिल्ली सरकार से पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाया।
सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में भी परेशानी
एनडीएमसी के पत्र के अनुसार, लगातार पानी की कम आपूर्ति से विनय मार्ग से लेकर चाणक्यपुरी दूतावास, वेस्ट किदवई नगर, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, तिलक लेन, हरीजन बस्ती समेत कई नामी होटलों और इलाकों में परेशानी है।