यूपी में सत्तासीन समाजवादी पार्टी सरकार में गांवों की जमीन पर बहुमंजिला इमारतें खड़ी करने के लिए बिल्डरों को पूर्व में बिना अधिकार क्षेत्र के जिला पंचायत की तरफ से मानचित्रों को स्वीकृति दी गई थी। पूरा मामला वर्ष 2010 से 2013 के बीच का है।
नोएडा । Noida News: नोएडा में यमुना नदी के डूब क्षेत्र में अवैध फार्म हाउस के मामले में गौतमबुद्ध नगर की जिला पंचायत कठघरे में आ गई है। सपा और बसपा शासनकाल में जिला पंचायत ने 2010 से 2013 के बीच अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अवैध फार्म हाउसों के मानचित्र स्वीकृत किया था। सूत्रों का दावा है कि मानचित्र स्वीकृति में बड़ा खेल हुआ था। जिला पंचायत के इस कृत्य से ही डूब क्षेत्र बड़े पैमाने पर अवैध फार्म हाउस बने।
इसमें जिला पंचायत की ओर से मानचित्र स्वीकृत किया। इनमें करोड़ों का खेल हुआ। तब इस मामले से तत्कालीन जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। उनके आदेश पर सीधे जिला पंचायत अधिकारी से बात कर पूछा गया कि आखिर किस अधिकार व नियम कानून के तहत डूब क्षेत्र में मानचित्र स्वीकृत किए गए हैं, जबकि डूब क्षेत्र में निर्माण प्रतिबंधित है। मानचित्र में पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण में किसकी संपत्ति है। इसका पूरा लेखा जोखा प्रस्तुत किया जाता है। उसके बावजूद इस बात की अनदेखी कर दी गई कि डूब क्षेत्र में मानचित्र स्वीकृत नहीं किया जा सकता।
मामले की जांच कराकर करेंगे कार्रवाई : डीएम
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि यमुना डूब क्षेत्र में पक्का निर्माण हो ही नहीं सकता है। इसकी शासन से स्पष्ट गाइड लाइन समय-समय पर जारी होती हैं। नोएडा प्राधिकरण के क्षेत्र में यह जमीन है। फार्म हाउस पूरी तरह से अवैध है। नोएडा प्राधिकरण की ओर से तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है। यदि जिला पंचायत ने डूब क्षेत्र में मानचित्र स्वीकृत किया है तो यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए विभागीय जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। जांच में बात सही पाई गई तो अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मानचित्र स्वीकृत करने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।