नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Cholesterol Control Tips: क्रिस्मस का त्योहार बस कुछ ही दिन दूर है और त्योहार के इस मौसम में अक्सर खाने की आदत बिगड़ जाती है। कई रिसर्च में देखा गया है कि जनवरी में 10 में से 9 लोगों में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। क्रिस्मस और फिर नए साल के जश्न में खाने के साथ-साथ शराब का सेवन भी बढ़ता है, जिसका असर कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर भी पड़ता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने दिल का दौरे, स्ट्रोक और लिवर की बीमारियों का जोखिम भी बढ़ सकता है।
ऐसे में त्योहार का जश्न ज़रूर मनाएं, लेकिन साथ ही खाने और पीने की आदतों पर भी चेक रखें, ताकि नया साल नई बीमारियों का कारण न बन पाए। तो आइए जानें कि क्रिस्मस सेलीब्रेशन से पहले हम कैसे सेहत का ख्याल रख सकते हैं?
1. शराब का सेवन भी बिल्कुल कम कर दें
किसी भी खास मौके पर शराब का सेवन बढ़ना आम है। ऐसे में त्योहार का मौसम शुरू होने से पहले ही शराब का सेवन कम दें। अगर आप शराब कम पीते हैं, तो इससे गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। यानी अगर आप स्वस्थ हैं, तो दिन में एक से दो ड्रिंक काफी हैं। वहीं, महिलाओं और बुज़ुर्ग लोगों को दो ज़्यादा ड्रिंक नहीं लेनी चाहिए। ज़रूरत से ज़्यादा शराब ब्लड प्रेशर, हार्ट फेलियर और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाती है।
3. फिज़िकल एक्टिविटी को बढ़ाएं
अगर आप अपनी एक्टिविटी को बढ़ाते हैं, तो इससे दिल का भी वर्कआउट हो जाता है और दिल की बीमारी का ख़तरा कम होता है। इससे शरीर को खून से कोलेस्ट्रॉल को हटाने में भी मदद मिल जाती है, और बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है। जो लोग आमतौर पर एक्टिव नहीं हैं, वे धीरे-धीरे वर्कआउट की शुरुआत कर सकते हैं। अगर आप रोज़ आधा घंटा वॉक भी कर लेते हैं, तो इससे भी आपकी सेहत पर सुधार आने लगता है।
. डाइट में फाइबर को ज़रूर शामिल करें
फाइबर से भरपूर फूड्स दिल के लिए अच्छे होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल में भी रखते हैं। लिवर कोलेस्ट्रॉल बनाने के लिए बाइल एसिड का इस्तेमाल करता है, इसलिए डाइट में फाइबर शामिल करने से कोलेस्ट्रॉल के साथ बाइल एसिड का अवशोषण भी कम होता है। ओटमील, चिया सीड्स, इसबगोल, बीन्स, साबुत अनाज, सेब, एवाकाडो, संतरे और दलिया जैसी चीज़ें फाइबर से भरपूर होती हैं।
5. ट्रांस फैट्स का सेवन करें
ट्रांस और सैचुरेटेड फैट्स को डाइट में बिल्कुल भी शामिल नहीं करना चाहिए। ये दोनों तरह के फैट्स प्रोसेस्ड मीट (जैसे-सलामी या सॉसेज), मटन, फैट युक्त डेयरी उत्पाद, जैसे चीज़ और मक्खन में पाए जाते हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।