झारखंड का कोरोना पर वार, 7 जनवरी से शुरू होगी 12 जिलों में RT-PCR लैब से कोरोना की जांच, देखी जाएगी रिपोर्ट

 

सात जनवरी से शुरू होगी 12 जिलों में आरटी-पीसीआर लैब से कोरोना की जांच
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कोरोना के नए वेरिएंट को गंभीरता से लेते हुए और अपने नागरिकों की सुरक्षा की खातिर राज्‍य के 12 जिलों में सात जनवरी से कोरोना की जांच शुरू हो जाएगी। सीएम सोरेन ने 26 दिसंबर को कोरोना को लेकर हुई बैठक में शीघ्र जांच शुरू करने के निर्देश दिए थे।

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य के 12 जिलों में स्थापित की जा चुकी आरटी-पीसीआर लैब में सात जनवरी से कोरोना की जांच शुरू होगी। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ-7 से निपटने के लिए इन जिलों में आरटी-पीसीआर जांच शुरू करने के निर्देश संबंधित सिविल सर्जनों को दिए हैं। अभी तक इन जिलों के सैंपल जांच के लिए दूसरे जिलों के मेडिकल कालेजों या सदर अस्पतालों को भेजे जाते थे, जहां पूर्व में लैब स्थापित की जा चुकी थी। जिन जिलों में सात जनवरी से जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं उनमें गढ़वा, गिरिडीह, चतरा, लातेहार, लोहरदगा, जामताड़ा, पाकुड़, कोडरमा, खूंटी, रामगढ़, सिमडेगा तथा सरायकेला खरसावां शामिल हैं।

इन जिलों में इमरजेंसी कोविड रेस्पांस पैकेज-2 के तहत केंद्र से मिली राशि से आरटी-पीसीआर लैब की स्थापना की गई है। प्रति लैब की स्थापना पर 30-30 लाख रुपये खर्च हुए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 26 दिसंबर को कोरोना को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में इन जिलों में शीघ्र जांच शुरू करने के निर्देश दिए थे।

इस निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव सह अपर अभियान निदेशक विद्यानंद शर्मा पंकज ने इन 12 जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र भेजकर कहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ-7 के देश में दस्तक देने से पहले राज्य के सभी जिलों में ही आरटी-पीसीआर जांच बहुत जरूरी है, जिससे ओपीडी में आने वाले संदिग्ध रोगियों की जांच कर समय पर उसके संक्रमित होने की पहचान की जा सके।

सरकार को सौंपी जाएगी जांच कराने संबंधी रिपोर्ट 

उन्होंने विभाग द्वारा पूर्व में उपलब्ध कराए गए ले आउट तथा आइसीएमआर की मानकों के अनुसार आरटी-पीसीआर लैब में सात जनवरी से जांच शुरू करने को कहा है। उनके अनुसार, आरटी-पीसीआर जांच के लिए इन जिलों के दो-दो लैब तकनीशियन तथा एक-एक पैथोलाजिस्ट या माइक्रोबायालाजिस्ट को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

उन्होंने रिम्स के माइक्रोबायोलाजी विभाग के प्रभारी डा. मनोज कुमार से समन्वय स्थापित करते हुए आइसीएमआर से प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया हेतु सैंपल डाटा वैलिडेशन का कार्य करने को कहा है। जांच के लिए किट तथा अन्य सामग्री की व्यवस्था जिला स्तर पर की जाएगी। सभी संबंधित जिलों से सात जनवरी तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी गई है।