सड़क पर चलते समय हम कुछ चीजों को रोज देखते हैं उसमें से एक है सड़कों पर स्टड रिफ्लेक्टर का लगना।आपको कुछ जगहों पर पीले या फिर लाल रंग के सड़क के पट्टी पर कुछ प्लास्टिक का लगा हुआ दिखाई देता होगा। उसे Stud Reflector कहते हैं।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। सड़क हादसों को रोकने के लिए देश में कई कानून बने हैं। चाहे वो ट्रैफिक नियम हो या फिर वाहन बनाने वाली कंपनियों पर लागू होने वाला नियम। सड़क पर चलते समय हम कुछ चीजों को रोज देखते हैं, लेकिन उसके असल मकसद के बारे में हमें कम जानकारी होता है। उसमें से एक है सड़कों पर 'स्टड रिफ्लेक्टर' का लगना।
सड़कों पर लगे इस छोटे से रिफ्लेक्टर का क्या काम
जब भी आप सड़क पर वाहन लेकर निकलते होगे तो आपको कुछ जगहों पर पीले या फिर लाल रंग के सड़क के पट्टी पर कुछ प्लास्टिक का लगा हुआ दिखाई देता होगा। उसे Stud Reflector कहते हैं। इस रिफ्लेक्टर का असल काम रात का होता है, वहीं कोहरे के समय सड़क का दायरा पता लगाने के लिए लोग सफेद पट्टी और इस रिफ्लेक्टर का इस्तेमाल करते हैं।
दो तरह के होते हैं रिफ्लेक्टर्स
इनमें दो तरह के रिफ्लेक्टर्स होते हैं जो सड़क पर दिखाई देते हैं। जिनमें से एक को एक्टिव रिफ्लेक्टर्स और दूसरे को पैसिव रिफ्लेक्टर्स कहा जाता है। इसमें से एक रिफ्लेक्टर्स में तो सिर्फ रेडियम की वजह से लाइट दिखाई देती है, जबकि एक में लाइट के लिए एलईडी लगी होती है।
पैसिव रिफ्लेक्टर्स वो होते हैं जो रेडियम वाले रिफ्लेक्टर्स होते हैं। इन रिफ्लेक्टर्स में दोनों तरफ रेडियम की पट्टी लगी होती है और जब अंधेरे में इन पर वाहनों की लाइट पड़ती है तो ये अपने आप चमकने लगते हैं और इसमें लगी लाइट जल रही होती है। लेकिन इसमें लाइट नहीं जलती। ये बिना की किसी इलेक्ट्रिसिटी या तार के काम करते हैं।
एक्टिव रिफ्लेक्टर्स वो लाइट होती है जिसमें लाइट के जरिए एलईडी जलती रहती है। जो एलईडी लाइट के जरिए जलती रहती है और रात होने में ये खुद ही जलती रहती है वहीं दिन होते ही ये खुद बंद भी हो जाती है। ये रेडियम के आधार पर नहीं बल्कि एलईडी लाइट के जरिए रोशनी देती है।