देश के इस शहर में पानी के नीचे से गुजरेगी मेट्रो रेल, जानें कब खत्म होगा यात्रियों का इंतजार

 


कोलकाता, एजेंसी। Kolkata Underwater Metro Train: नए साल में देश को बड़ी सौगात मिलने वाली है। 2023 में पहली बार एक ट्रेन नदी के नीचे से होकर गुजरेगी। इसके लिए कोलकाता की हुगली नदी (Hooghly River) के नीचे टनल बनाई गई है। इस टनल के जरिए ही मेट्रो का सफर पूरा होगा। मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक अलग ही अनुभव होगा, क्‍योंकि वो एक मिनट से भी कम समय के अंदर आधा किलोमीटर से अधिक का रास्‍त तय कर लेंगे।

KMRC ने तैयार किया प्रोजेक्ट

मेट्रो 520 मीटर की दूरी को महज 45 सेकंड में पूरी कर लेगी। ये प्रोजेक्‍ट कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (केएमआरसी) द्वार तैयार किया गया है। ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर परियोजना के तहत नदी के नीचे मेट्रो के लिए दो टनल बनाई गईं है। ये टनल नदी के तल से 13 मीटर और जमीनी स्तर से 33 मीटर नीचे है। इस सुरंग को लंदन और पेरिस में चल रही यूरोस्‍टार की तर्ज पर बनाया गया है। टनल का निर्माण पूरा हो गया है।

देरी की वजह से बढ़ी लागत

कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के महाप्रबंधक (सिविल) शैलेश कुमार ने बताया कि पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर के लिए टनल की आवश्‍यकता थी। इससे लाखों यात्रियों को मदद मिलेगी और आने-जाने की दूरी भी कम होगी। शैलेश कुमार ने कहा कि सड़क मार्ग की तुलना में हावड़ा और सियालदह के बीच ये मेट्रो मार्ग 1.5 घंटे के मुकाबले तकरीबन 40 मिनट तक कम हो जाता है। मेट्रो चलने के बाद से टनल को पार करने में 45 सेकंड का समय लगेगा। उन्‍होंने बताया कि ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर परियोजना में देरी होने के कारण इसकी लागत में भी बढ़ी है। 2009 में जब इस परियोजना को मंजूरी मिली थी, तब इसकी लागत 4,875 करोड़ बताई गई थी। लेकिन अब ये लागत बढ़कर 8,475 करोड़ रुपये हो गई है। 8,383 करोड़ रुपए पहले ही खर्च किए जा चुके हैं।

पूरी तरह है सुरक्षित

अधिकारियों ने बताया कि ये तकनीकी रूप में पूरी तरह से सुरक्षित है। इसमें पानी के प्रवेश की संभावना नहीं है। टनल में पानी के प्रवाह और रिसाव को रोकने के लिए कई सुरक्षात्मक उपाय भी किए गए हैं। सुरंगों के कंक्रीट के बीच में हाइड्रोफिलिक गास्केट हैं। यदि पानी सुरंगों के अंदर आता है, तो गास्केट खुल जाएगी। टनल बोरिंग के लिए मशीनें जर्मनी से लाई गईं थी। राष्ट्रीय अग्नि सरंक्षण संघ (एनएफपीए) के निर्देश अनुसार टनल के अंदर 760 मीटर तक की लंबाई के बीच आपातकालीन द्वार दिए गए है। सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए पश्चिम में हावड़ा स्टेशन और पूर्व में स्ट्रैंड रोड में निकासी द्वार दिए गए हैं।

टनल के बारे में अहम जानकारी

ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर परियोजना के तहत नदी के नीचे मेट्रो के लिए दो सुरंग बनाई गई हैं।

ये टनल नदी के तल से 13 मीटर और जमीनी स्तर से 33 मीटर नीचे है।

मेट्रो 520 मीटर की दूरी को मात्र 45 सेकंड में पार कर लेगी।

टनल का आंतरिक व्यास 5.55 मीटर और बाहरी व्यास 6.1 मीटर होगा।

अप और डाउन टनल के बीच की दूरी 16.1 मीटर सेंटर-टू-सेंटर होगी।