विकास के लिए बेहद जरूरी वन, आइएफएस अफसर संरक्षण में निभाएं प्रभावी भूमिका : राष्ट्रपति मुर्मु

 

हमारे वनों को अवैध गतिविधियों से सुरक्षित रखने में प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए।

राष्ट्रपति भवन में आइएफएस प्रोबेशनरों को संबोधित करते हुए कहा कि वनों में रहनेवाले समुदायों के अधिकारों पर भारत में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हमारे विकास की गतिविधियों में आदिवासी समुदायों समेत वनों में रहने वालों के प्रतीकात्मक संबंधों को अब व्यापक स्तर पर मान्यता मिल चुकी है।

नई दिल्ली, पीटीआई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि वन सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास के लिए बेहद जरूरी हैं। उन्होंने भारतीय वन सेवा अधिकारियों से कहा कि वह अवैध गतिविधियों से वनों की रक्षा करने के लिए अपनी भूमिका प्रभावी बनाएं। वन अधिकारी हमारे समृद्ध और विविध वन संपदा के रखवाले हैं। उन्होंने अधिकाधिक महिलाओं के वन अधिकारी बनने पर खुशी जाहिर की।

राष्ट्रपति मुर्मु ने आइएफएस प्रोबेशनरों को किया संबोधित

राष्ट्रपति मुर्मु ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आइएफएस प्रोबेशनरों को संबोधित करते हुए कहा कि वनों में रहनेवाले समुदायों के अधिकारों पर भारत में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हमारे विकास की गतिविधियों में आदिवासी समुदायों समेत वनों में रहने वालों के प्रतीकात्मक संबंधों को अब व्यापक स्तर पर मान्यता मिल चुकी है। अब भारतीय वन सेवा अफसरों को इन समुदायों को उनके अधिकारों और जैव विविधता के संरक्षण और सुरक्षा को लेकर जागरूक करना चाहिए।

अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर बुरा असर

आपको हमारे वनों को अवैध गतिविधियों से सुरक्षित रखने में प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए। अन्यथा इसका अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है। राष्ट्रपति ने कहा कि वनों से उत्पन्न उत्पादों से देश में 27 करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका चलती है। वनों में औषधीय गुण भी अत्यधिक हैं। हालांकि भारत में वनों से चुने जाने वाले पौधों में से केवल 15 फीसद ही औषधीय हैं, अन्य पौधे या उनकी उपज 85 प्रतिशत है।