केंद्र ने राज्यों से की अपील, कहा- ऑक्सीजन और जीवन रक्षक उपकरण की उपलब्धता बनाए रखें

 


ऑक्सीजन और जीवन रक्षक उपकरण की उपलब्धता बनाए रखें
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कुछ दशों में बढ़ते कोरोना को देखते हुए किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से अस्पतालों में तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में सिलेंडर और चलती हालत में जीवन रक्षक उपकरण जैसे वैंटलेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

नई दिल्ली : चीन में कोरोना भयावह रूप धारण कर चुका है. अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगी हुई है. इसी बीच भारत में कोविड से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए जाने लगे हैं। वहीं कोविड मामलों के मद्देनजर किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए केंद्र ने शनिवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से अस्पतालों में तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन, पर्याप्त मात्रा में सिलेंडर और चलती हालत में जीवन रक्षक उपकरण जैसे वैंटलेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए  हैं।

करते रहें मॉक ड्रिल- केंद्र

स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनसे प्रेशर स्विंग एब्सॉप्शन (पीएसए) ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट्स को पूरी तरह से क्रियाशील रखने और उनकी जांच के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल्स करने की बात भी कही। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के अपर सचिव मनोहर अगनानी ने कहा कि हालांकि देश में अभी मामलों की संख्या कम है लेकिन अचानक आने वाली परिस्थिति से निपटने के लिए मेडिकल इंफ्रास्टक्चर का क्रियाशील रहना और रखरखाव करते रहना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

जीवन रक्षक साबित होती है ऑक्सीजन

सभी चिकित्सकीय व्यवस्थाओं में मेडिकल ऑक्सीजन सबसे प्रमुख स्रोत है। खासकर महामारी के दौरान उचित ऑक्सीजन आपूर्ति लोगों की जान बचाने में महत्वूर्ण भूमिका निभाती है। पत्र में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सचिव(स्वास्थ्य) से संबंधित विभागों को यह निर्देश देने के लिए कहा गया है कि पीएसए को सुचारू हालत में रखा जाए और समय-समय पर मॉक ड्रिल्स के द्वारा उनकी जांच की जाए।

पुनर्जिवित करें ऑक्सीजन कंट्रोल रूम्स

अस्पतालों में तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन (एलएमओ) की उपलब्धता और उसकी अबाधित आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी पत्र में दिए गए है। साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडरों की पर्याप्त मात्र और बैकअप स्टॉक रखने की बात भी लिखी गई है। आक्सीजन संबंधी मामलों और समस्याओं से जल्द निपटने के लिए राज्यों से ऑक्सीजन कंट्रोल रूम्स को पुनर्जिवित करने की बात भी कही गई है। कोविड महामारी के दौरान केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पीएसए प्लांट शुरू करने में मदद की के अलावा आक्सीजन कंसंट्रेटर, सिलेंडर और ऑक्सीजन से जुड़ी अन्य सुविधाएं मुहैया करने में मदद की थी ताकि देश में सस्ती और विश्वसनीय चिकिस्कीय ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा सके।