रूस भारत को कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए एक खास तरह का न्यूक्लियर फ्यूल भी देने जा रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि रूस की सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनी Rosatom ने कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के लिए एडवांस फ्यूल की पेशकश की है।
नई दिल्ली, एजेंसी। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस, भारत को तमिलनाडु में मौजूद कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए एक खास तरह का न्यूक्लियर फ्यूल भी देने जा रहा है। बुधवार को केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में जानकारी दी।
मई-जून में मिला था TVS-2M प्रमाणु ईंधन का पहला लॅाट
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जितेंद्र सिंह ने कहा कि रूस की सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनी Rosatom ने कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट (Kudankulam Nuclear Power Plant) के लिए एडवांस फ्यूल की पेशकश की है। उन्होंने आगे जानकारी दी कि TVS-2M नाम के परमाणु ईंधन का पहला लॉट मई-जून 2022 के दौरान प्राप्त हुआ था और उसे यूनिट-1 में लोड किया जा चुका है। टीवीएस-2एम ईंधन असेंबलियों की पहली खेप रूसी संघ से मई-जून 2022 में प्राप्त हुई है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि TVS-2M को यूनिट-1 में लोड किया जा चुका है।
कुछ दिनों पहले यह जानकारी दी गई थी की भारतीय रिफाइनरियों को रूस से कम कीमतों पर कच्चा तेल मिल सकता है। रूस भारत को 60 डॉलर प्रति बैरक से भी कम पर क्रूड ऑयल बेच सकता है। भारत अपनी जरूरत के मुताबिक रूस से तेल खरीदता रहा है।
रूस से भारत ने इस प्रकार किया तेल का आयात
आंकड़ों के अनुसार, भारत ने दिसंबर, 2021 में रूस से सिर्फ 36,255 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया था। इस अवधि में इराक से 10.5 लाख बैरल प्रतिदिन और सऊदी अरब से 9,52,625 बैरल प्रतिदिन का आयात किया गया था। अगले दो महीनों में रूस से कोई आयात नहीं हुआ, लेकिन फरवरी के अंत में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के तुरंत बाद मार्च से रूस से कच्चे तेल की खरीद फिर शुरू हो गई। मार्च में भारत ने रूस से 68,600 बीपीडी कच्चे तेल का आयात किया। जबकि अगले महीने यह बढ़कर 2,66,617 बीपीडी हो गया और जून में 9,42,694 बीपीडी पर पहुंच गया