लिट्टी चोखा की दुकान चलाते थे खेसारी
भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव फिल्मों में आने से पहले अपना घर चलाने के लिए दिल्ली की एक फैक्ट्री में धागे की कटाई का काम करते थे। ये वक्त उनकी जिंदगी के सबसे बुरे दिन थे। फैक्ट्री में काम करके उन्हें इतना पैसा नहीं मिलता था, जिससे वो अच्छे से अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकें। इसके बाद उन्होंने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए दिल्ली के संजय कॉलोनी में लिट्टी-चोखा का ठेला लगाया। इस काम में उनकी पत्नी चंदा उनका हेल्प करती थी।
पत्नी ने हर मोड़ पर दिया साथ
खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा ने हर मुश्किल घड़ी में उनका साथ दिया। खेसारी ने साल 2006 में चंदा से शादी की थी। इसके बाद उन्होंने 2009 में पति के फिल्म इंडस्ट्री में फेमस होने के बाद भी चंदा कुछ खास नहीं बदलीं। वह आज भी आम महिलाओं की तरह ही हाउस वाइफ की भूमिका में खुश रहती हैं। चंदा हमेशा से ही लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करती हैं। खेसारी और चंदा का एक बेटा और एक बेटी है। बेटी एक फिल्म में चाइल्ड आर्टिस्ट की भूमिका निभा रही है।
इस गाने ने खेसारी को बनाया सुपरस्टार
खेसारी ने अपने अब तक के करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है। वहीं उनके कई गाने हिट हैं, लेकिन शुरू में ऐसा नहीं था। उनके कई गानें फ्लॉप हुए थे। वहीं साल 2008 में उनकी किस्मत ने अपना रंग दिखाया और उनका गाना 'भौजी केकरा से लड़ब पिया अरब गईले ना' हिट हो गया। इसके बाद खेसारी को फिल्म में काम करने का मौका मिलने लगा। पहली फिल्म 'साजन चले ससुराल' के लिए खेसारी को 11 हजार रुपए मिले थे।