हाईकोर्ट के फैसले पर CM योगी बोले- पहले OBC को म‍िलेगा आरक्षण फ‍िर होंगे चुनाव

 

UP Civic Election 2022: सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ बोले सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
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यूपी नगरीय न‍िकाय चुनाव में OBC आरक्षण खत्‍म करने के हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के फैसले पर अब यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने बयान जारी करते हुए कहा है क‍ि यद‍ि आवश्‍यक हुआ तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंग।

लखनऊ, जेएनएन। UP Civic Body Elections हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी में होने वाले नगरीय न‍िकाय चुनाव में फैसला सुनाते हुए ओबीसी आरक्षण को रद कर द‍िया है। इसी के साथ कोर्ट ने आदेश द‍िया क‍ि चुनाव ब‍िना देरी के जल्‍द से जल्‍द कराए जाएं।

सीएम योगी बोले- जरूरत हुई तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध करायेगी। इसके उपरान्त ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा। यदि आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार करके माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील भी करेगी।

बिना ओबीसी आरक्षण के नहीं होंगे यूपी में निकाय चुनाव- एके शर्मा

नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। योगी सरकार ने ओबीसी आरक्षण के पक्ष में सभी पदों पर 05 दिसंबर,2022 को जारी अधिसूचना में प्रदेश के ओबीसी को दिया था 27 प्रत‍िशत का आरक्षण।

यूपी में निकाय चुनाव की अधिसूचना पर हाईकोर्ट के रोक लगाने के बाद राज्य सरकार की ओर से विरोध करते हुए कहा गया था कि इससे चुनाव कराने में देरी होगी। यह भी दलील दी गई कि 5 दिसंबर का नोटिफिकेशन एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन है, याची या जो भी व्यक्ति इससे असंतुष्ट हैं, वे आपत्तियां दाखिल कर सकते हैं। वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार की इस दलील से असंतुष्टि जताई थी। कोर्ट ने कहा था क‍ि प्रथम दृष्टया हमें लगता है कि यदि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई प्रक्रिया को अपनाने की मंशा रखती तो 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में ओबीसी सीटों को शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि ओबीसी सीटों को तभी अधिसूचित किया जा सकता है जबकि ट्रिपल टेस्ट औपचारिकता को पूरा न कर लिया जाए।