नई दिल्ली, पीटीआई। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने चुनाव आयोग के रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम को एक बेहतरीन पहल बताया है। उन्होंने कहा कि घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के प्रोटोटाइप के प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित करने का फैसला काफी अच्छा कदम है।
16 जनवरी को सभी दलों के सामने होगा प्रदर्शन
एस वाई कुरैशी ने चुनाव आयोग के प्रायोगिक प्रणाली के फैसले का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इसके द्वारा प्रक्रिया में आने वाली सभी परेशानियों को दूर करने में मदद मिलेगी। आपको बता दें, मतदाताओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए गुरुवार को चुनाव आयोग ने कहा कि उसने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए एक रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) का प्रोटोटाइप विकसित किया है। इसी के साथ चुनाव आयोग ने 16 जनवरी को सभी राजनीतिक दलों को इस मशीन के प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया है। यदि यह प्रक्रिया सहमति से लागू कर दी जाती है तो इसके बाद किसी भी प्रवासी मतदाता को वोट देने के लिए अपने क्षेत्र में जाने की जरुरत नहीं होगी।
लंबे समय से लटका था प्रवासी मतदाताओं का मुद्दा
एस.वाई. कुरैशी ने कहा, "मैंने चुनाव आयोग की प्रेस विज्ञप्ति देखा। मुझे लगता है कि यह एक शानदार पहल है क्योंकि प्रवासी मतदाताओं का मुद्दा लंबे समय से लटका हुआ था और हम इसका समाधान नहीं निकाल पा रहे थे। अगर चुनाव आयोग को इलेक्ट्रॉनिक समाधान मिल गया है तो यह बहुत अच्छी उपलब्धि है। साथ ही उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को लोकतांत्रिक तरीके से पूरा कर रही है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को डेमो के लिए बुलाया है, जो काफी अच्छी बात है।"
सभी हितधारकों से किया जाएगा परामर्श
एस.वाई. कुरैशी ने कहा कि सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य दलों के विचारों से अवगत होना एक अच्छा कदम है और यह सभी हितधारकों के परामर्श से किया जाएगा। चुनाव आयोग की ओर से एक पायलट टेस्टिंग किया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि पायलट टेस्टिंग द्वारा सिस्टम में आने वाली सभी परेशानियों का पता लगाया जा सकता है। यहां तक कि ईसी में सभी अच्छे सुधार पायलट टेस्टिंग के जरिए ही किए गए हैं। मुझे लगता है कि कुल मिलाकर यह एक बहुत अच्छा कदम है और इसमें सभी की सहमति होगी।