पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद पर चर्चा के लिए NSC की बैठक बुलाएंगे पीएम शहबाज शरीफ, ये अधिकारी होंगे शामिल

 

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने आतंकवाद पर चर्चा के लिए बुलाई NSC की बैठक
;

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने देश में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर चर्चा के लिए एनएससी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी सेवा प्रमुखों प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों और अन्य उच्च अधिकारियों को भी शामिल होना है।

इस्लामाबाद, पीटीआई। पाकिस्तान में आतंकवाद के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक में पाकिस्तान के शीर्ष नागरिक और सैन्य नेता मिलने वाले हैं। एनएससी की बैठक में सभी सेवा प्रमुखों, प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों और अन्य उच्च अधिकारियों को भी हिस्सा लेना है।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, बैठक बुलाने का निर्णय सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर (General Asim Munir) द्वारा गुरुवार को प्रधानमंत्री शरीफ को पेशेवर और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाए जाने के बाद लिया गया। NSC प्रमुख सुरक्षा और रणनीतिक निर्णयों को अंतिम रूप देने वाली सर्वोच्च संस्था है।

आतंकवाद के खिलाफ तैयार की जाएगी रणनीति

द न्यूज इंटरनेशनल अखबार ने बताया कि इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम बैठक में पाकिस्तान में हालिया आतंकी लहर और पाकिस्तान-अफगान सीमा की स्थिति के बारे में जानकारी देंगे। इसके अलाव, बैठक में आतंकवाद के खिलाफ एक एकीकृत रणनीति तैयार की जाएगी।

TTP के बारे में होगी चर्चा

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बैठक में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ताजा खतरे का मुकाबला करने के तौर-तरीकों पर चर्चा होगी, जिसने नवंबर के बाद से सुरक्षा बलों पर हमले बढ़ा दिए हैं, जब उन्होंने पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्ष विराम समाप्त कर दिया था।

बैठक में आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपनी मिट्टी के उपयोग को समाप्त करने में अंतरिम तालिबान सरकार की विफलता के आलोक में अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों के बार में भी चर्चा की जाएगी। यह बैठक 254वें कोर कमांडर्स सम्मेलन के कुछ दिनों बाद हो रही है, जिसमें शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने आतंकवाद को हराने का संकल्प लिया था।

सेना ने सम्मेलन के बाद एक बयान में कहा था, 'बैठक में कमांडरों द्वारा सेना के पेशेवर और संगठनात्मक मामलों की व्यापक समीक्षा की गई। आतंकवादियों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के लड़ने और पाकिस्तान के लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार इस खतरे को खत्म करने का संकल्प लिया गया।'