अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति बेहद खराब, 2023 में भी जारी रह सकता है प्रतिबंध

 


अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति बेहद खराब, 2023 में भी जारी रह सकता है प्रतिबंध। फाइल फोटो।
;

तालिबान के द्वारा महिलाओं पर थोपे गए कई प्रकार क्रूर कानूनों ने वहां की महिलाओं की स्थिति को पहले से खराब बना दिया। साल 2023 में भी देश की महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंध जारी रह सकता है।

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान पर पिछले साल तालिबान के अधिग्रहण से महिलाओं की स्थिति दिन प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है। देश बेरोजगारी, भूख, गरीबी, सुरक्षा और लिंग आधारित प्रतिबंधों से पीड़ित है। तालिबान के द्वारा महिलाओं पर थोपे गए कई प्रकार क्रूर कानूनों ने वहां की महिलाओं की स्थिति को पहले से खराब बना दिया। साल 2023 में भी देश की महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंध जारी रह सकता है। हाल ही में तालिबान ने महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्कों, खेल स्थलों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों में आने पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही साथ तालिबान ने महिलाओं को एनजीओ में काम करने से भी रोक दिया है। खामा प्रेस ने बताया कि तालिबान को दुनिया भर से मिली निंदा के बावजूद, जमीन पर अफगान महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं बदला है।

महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंध से राहत कार्य बाधित

अफगानिस्तान में महिलाओं को एनजीओ में काम करने से रोकने पर कई एनजीओ ने अपने जमीनी राहत कार्य और मानवीय सहायता को रोक दिया है, जिससे इसका सीधा असर अफगान के स्थानीय लोगों पर पड़ा है। एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे राहत और मानवीय सहायता पर हजारों लोग निर्भर थे। कई एनजीओ विभिन्न स्तरों पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों पर ही निर्भर थे। खामा प्रेस ने कहा है कि अफगानिस्तान दुनिया का एकमात्र ऐसा मुस्लिम देश है जिसने महिलाओं को स्कूलों, कालेजों और विश्वविद्यालयों में जाने से रोकने पर शैक्षिक प्रतिबंध लगाया है। की चपेट में लाखों लोग

मालूम हो कि पिछले साल अगस्त में तालिबान द्वारा अफगान भूमि पर कब्जा करने के बाद संकट कम होता नहीं दिख रहा है। देश में लोग भुखमरी और बुनियादी सुविधाओं की कमी की चपेट में हैं। सेव द चिल्ड्रेन संगठन द्वारा हाल ही में एक रिपोर्ट जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि अफगानिस्तान गंभीर भुखमरी की उच्चतम दर वाले देशों में से एक है। यहां पर करीब 66 लाख से अधिक लोग भूखमरी की चपेट में है।