5 घंटों की मशक्कत के बाद बोरवेल से मासूम को निकाला बाहर, रेस्क्यू के बाद अस्पताल में कराया भर्ती

 


हापुड़ में बोरवेल में गिरा चार साल का बच्चा।

हापुड़ के सादात इलाके में एक चार वर्षीय बच्चा नगरपालिका के बोरवेल में गिर गया था। बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बच्चे के बोरवेल में गिरने की खबर सुनते ही सरकारी महकमे में अफरातफरी मच गई थी। NDRF की टीम सहित अन्य मौके पर मौजूद थे।

हापुड़, संवाददाता। कोटला सादात मोहल्ले में रहने वाले मोहसिन और समरीन का चार साल का बच्चा मुआविया नगरपालिका के बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बच्चे को बाहर निकालने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां पर डॉक्टर उसकी निगरानी कर रहे हैं। बोरवेल में गिरे बच्चे को करीब 5 घंटे बाद निकाला जा सका है।

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बोरवेल से आ रही बच्चे के रोने की आवाज

खास बात है कि बच्चा करीब 50 फीट पर गहरे बोरवेल में फंसा था। इस दौरान बच्चा रोता रहा है। बोरवेल से उसके रोने की आवाज आई। बता दें कि बच्चा बोल और सुन नहीं सकता है।

इधर घटना की सूचना मिलते ही एडीएम श्रद्धा शांडिल्ययायन, एसपी दीपक भूकर एएसपी मुकेश चंद्र मिश्र, एसडीएम सदर सुनीता सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी मनु शर्मा समेत अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। बोरवेल के आसपास सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हो गए।

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नगरपालिका ने बंद नहीं कराया बोरवेल का गड्ढा

घटना को लेकर आसपास के लोगों ने बताया कि नगरपालिका की जगह में 50 फीट गहरा बोर हुआ था। बोर किए जाने के बाद उसका मुंह खुला छोड़ दिया गया था। कई बार मामले की शिकायत अधिकारियों से की गई, लेकिन अधिकारियों ने इसकी सुध नहीं ली। इस कारण बच्चा खेलते-खेलते बोर के पास पहुंच गया और अचानक उसके अंदर जा गिरा।

कुत्ता के साथ खेल रहा था बच्चा

बता दें कि कुत्ता के साथ बच्चा खेल रहा था, तभी वह बोरवेल में गिर गया। वह लगभग तीन घंटे से सीधा बोरवेल में खड़ा हुआ है। बच्चे के लिए बोरवेल के अंदर दूध भेजा गया है।

लोहे के रिंग से फंदा बनाकर निकालने का प्रयास

बोरवेल में लोहे के रिंग से फंदा बनाकर बाहर निकाला गया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ की टीम बोरवेल के अंदर बार-बार रस्सी डाल रही थी। इससे बच्चा डर रहा था। टीम का प्रयास ये है कि बच्चा रस्सी पकड़ ले तो हाथ में फंदा बांधकर ऊपर खींच लिया जाए।

बोरवेल में बच्चे ने पिया दूध

बोरवेल के गड्ढे में गिरे बच्चे को रेस्क्यू करने में करीब 5 घंटे लगे। रस्सी के जरिए दूध की बोतल बच्चे तक पहुंचाई गई। दो बार वह दूध पिया।