क्या विपक्षी एकता को मजबूत करने की है कवायद में कामयाब हो पाएगी कांग्रेस? इस साल 9 राज्यों में चुनाव


भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सोनिया गांधी और राहुल गांधी (फाइल)

भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बेशक कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि यह यात्रा राजनीति से प्रेरित नहीं है बल्कि आंदोलन है लेकिन जिस तरह से यात्रा में अन्य दलों के लोगों को जोड़ने का प्रयास हुआ उससे काफी कुछ स्पष्ठ हो रहा है।

 शामली : भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बेशक कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि यह यात्रा राजनीति से प्रेरित नहीं है, बल्कि आंदोलन है, लेकिन जिस तरह से यात्रा में अन्य दलों के लोगों को जोड़ने का प्रयास हुआ, उससे यह तो स्पष्ट है कि इसी साल नौ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव पर कांग्रेस की नजर है। यही वजह है कि कांग्रेस नेताओं ने भी प्रेसवार्ता के दौरान यह बात कही कि चुनाव भी लड़ेंगे और आंदोलन भी करेंगे। कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकालने के साथ ही जो राज्य इस यात्रा से अछूते रह गए, वहां भी कांग्रेस ने अलग से यात्रा निकालनी आरंभ कर दी है। अलावा हाथ से हाथ जोड़ो अभियान भी चलाने की तैयारी कर ली है, जिसमें कार्यकर्ताओं को घर घर जाना है। यह बात अलग है कि भाजपा नेता जब आरोप लगाते हैं कि राजनीतिक जमीन तैयार करने के लिए यात्रा निकाली जा रही है, तो उस पर कांग्रेस नेता खंडन करते नजर आते हैं। गुरुवार को प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश सहित अन्य तमाम नेता भी पहले तो यही कहते रहे कि यह यात्रा राजनीति के लिए नहीं, बल्कि देश में हावी हो रही भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ लड़ाई है, लेकिन जैसे ही यात्रा में अन्य राजनीतिक दलों के समर्थन मिलने की बात कहे जाने पर मीडिया ने सवाल पूछा कि क्या ये लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने विपक्ष को मजबूत करना नहीं है, तो पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश कहते हैं कि कांग्रेस मजबूत होगी, तो विपक्ष की ताकत भी मजबूत होगी।

अभी लोकसभा चुनाव में देरी है, उससे पहले इसी साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि कांग्रेस राजनीतिक पार्टी है, इसलिए हम चुनाव भी लड़ेंगे और भाजपा व आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ भी लड़ाई जारी रखेंगे।