अब पहले की तरह हज यात्रा कर सकेंगे मुस्लिम, सऊदी अरब ने हटाए प्रतिबंध; उम्र सीमा भी खत्म की

 


Hajj Yatra 2023: अब पहले की तरह हज यात्रा कर सकेंगे मुस्लिम (फोटो एपी)

Hajj Yatra 2023 सऊदी अरब ने कोरोना महामारी के कारण हज यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है। अब पहले की तरह मुस्लिम हज यात्रा कर सकेंगे। सऊदी के हज मंत्री ने इसकी घोषणा की है।

दुबई, एजेंसी। सऊदी अरब ने कोरोना महामारी के दौरान हज यात्रा पर जो प्रतिबंध लगाए थे। अब उन्हें हटा दिया गया है। दरअसल, कोरोना काल से पहले जैसे हज यात्रा होती थी, अबकी बार वैसे ही हज यात्रा होगी। अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंधों के बाद वार्षिक धार्मिक हज यात्रा को सीमित कर दिया गया था। मगर, इस बार प्रतिबंधों को हटा दिया गया है।

हज मंत्री ने की प्रतिबंधों को हटाने की घोषणा

बताते चलें कि कोरोना के बाद 2021 में सऊदी अरब में लगभग 60,000 लोगों ने ही हज यात्रा की थी। पिछले साल यानी साल 2022 में करीब 10 लाख श्रद्धालुओं ने हज किया था। सऊदी हज और उमराह मंत्री तौफीक बिन फवजान अल-रबिया ने हज पर लगी पाबंदियों को लेकर एक प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 के कारण हज पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की घोषणा की।

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2019 में 24 लाख लोगों ने किया था हज

बता दें कि साल 2019 में 24 लाख से अधिक लोगों ने तीर्थयात्रा में हिस्सा लिया था। मगर, साल 2020 में महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के बीच, सऊदी अरब ने हज यात्रा को बहुत सीमित कर दिया था। सऊदी अरब के 1,000 से कम निवासियों को ही इसमें भाग लेने की अनुमति दी गई थी। इससे पहले साल 1918 के फ्लू महामारी के दौरान भी ऐसा हुआ था, जिसमें दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत हो गई थी।18 से 65 साल के लोगों को यात्रा की इजाजत

कोरोना महामारी फैलने के बाद हाल के वर्षों में केवल 18 से 65 साल के लोगों को ही हज करने की इजाजत दी गई थी। साथ ही सऊदी अरब ने यह भी सीमित कर दिया था कि कौन सी निजी कंपनियां हज के लिए यात्रा की व्यवस्था कर सकती हैं। मगर, अब इस प्रतिबंध को भी हटा दिया गया है। हालांकि, मुसलमानों को काबा को चूमने या छूने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

जिंदगी में एक बार हज करना हर मुस्लिम का फर्ज

सभी मुसलमानों को अपनी जिंदगी में एक बार हज यात्रा करना जरूरी है। यह दुनिया के लोगों की सबसे बड़ी सभाओं में से एक का प्रतिनिधित्व करती है। इस्लाम के पवित्र शहर मक्का में महामारी से पहले हर साल हज यात्रा के लिए लाखों लोग पहुंचते थे, लेकिन महामारी के दौरान कई प्रतिबंध लगाए गए। जिसके कारण सीमित लोगों को ही हज यात्रा की इजाजत दी गई।